नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी देशभर में जिला कलेक्ट्रेट तक ‘बाबासाहेब आंबेडकर सम्मान मार्च’ निकालेगी और शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को याचिका सौंपेगी।
कांग्रेस का आंदोलन
वेणुगोपाल ने शाह की टिप्पणी को आंबेडकर का अपमान बताते हुए कहा कि इससे संवैधानिक मूल्यों को मानने वाले सभी नागरिकों को ठेस पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस की सोच संविधान विरोधी है।
कांग्रेस ने ‘जय भीम, जय संविधान रैली’ निकालने की भी घोषणा की है। यह रैली 27 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी में होगी। इससे पहले, 26 दिसंबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी।
बसपा का विरोध और मायावती का बयान
बसपा प्रमुख मायावती ने भी अमित शाह की टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए संसद में उनके बयान को वापस लेने की मांग की है। मायावती ने 24 दिसंबर को देशभर के जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब के नाम पर राजनीति करने वालों से सावधान रहने की जरूरत है।”
कांग्रेस और बसपा के आरोप
वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज कर रही है और संसद की कार्यवाही में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि शाह की टिप्पणी ने आंबेडकर की छवि को जॉर्ज सोरोस से जोड़कर और अपमानित किया है।
आंदोलन की तैयारी
कांग्रेस और बसपा के विरोध कार्यक्रमों से सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस जहां जिला स्तर पर मार्च निकालकर विरोध जताएगी, वहीं बसपा ने भी सभी समाज के लोगों से शांतिपूर्ण धरने में शामिल होने की अपील की है।
राजनीतिक नतीजे
यह मुद्दा न केवल राजनीतिक दलों के लिए संवेदनशील है, बल्कि इसे लेकर देशभर में आक्रोश है। अमित शाह की टिप्पणी पर बढ़ते विरोध से केंद्र सरकार के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है।