सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर, 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश में धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण और याचिकाओं पर अंतरिम या अंतिम आदेश देने पर रोक लगा दी। यह फैसला प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया गया। इस निर्णय के बाद कई प्रमुख धार्मिक स्थल विवादों पर न्यायिक प्रक्रियाएं लंबित हो सकती हैं।
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991: विवाद का केंद्र
यह कानून 15 अगस्त 1947 की स्थिति में किसी भी धार्मिक स्थल की स्थिति को बनाए रखने की बात कहता है, जिससे 1947 के बाद हुए बदलावों को चुनौती न दी जा सके। इस कानून को कई हिंदू संगठनों ने न्यायालय में चुनौती दी है, जिसमें इसे “मौलिक अधिकारों का हनन” और “न्याय पाने के अधिकार में बाधा” बताया गया।
मुस्लिम पक्ष की ओर से जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने इस कानून को सही ठहराने के लिए याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस विषय पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल विवाद और स्थिति
1. भोजशाला विवाद (धार, मध्य प्रदेश)
हिंदू पक्ष का दावा है कि भोजशाला माता सरस्वती का मंदिर था, जिसे बाद में मौलाना कमालुद्दीन की मजार बना दिया गया। मार्च 2024 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ASI सर्वेक्षण का आदेश दिया। ASI की रिपोर्ट में पुष्टि की गई कि मस्जिद का निर्माण मंदिर के अवशेषों पर किया गया।
2. अटाला मस्जिद (जौनपुर, उत्तर प्रदेश)
अटाला मस्जिद को पहले अटाला देवी का मंदिर बताया जाता है। 2024 में दायर याचिका में यह दावा किया गया कि इसे राजा जयचंद्र द्वारा बनाया गया था और फिरोज शाह और इब्राहिम शाह ने इसे मस्जिद में बदल दिया।
3. टीले वाली मस्जिद (लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
यह मस्जिद लक्ष्मण टीला नामक स्थान पर स्थित है। हिंदू पक्ष ने दावा किया कि इसे औरंगजेब के शासनकाल में भगवान शेषनाग मंदिर तोड़कर बनाया गया। यह मामला लंबे समय से अदालत में लंबित है।
4. अजमेर दरगाह और अढ़ाई दिन का झोपड़ा (अजमेर, राजस्थान)
हिंदू पक्ष ने दावा किया कि दरगाह परिसर में पहले भगवान शिव का मंदिर था। तहखाने में गर्भगृह के होने की बात भी कही गई।
5. जामा मस्जिद (संभल, उत्तर प्रदेश)
हिंदू पक्ष का कहना है कि जामा मस्जिद भगवान कल्कि के हरि हर मंदिर को तोड़कर बनाई गई। नवंबर 2024 में कोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश दिया, लेकिन विरोध के कारण सर्वे बाधित हुआ।
6. शाही ईदगाह (मथुरा, उत्तर प्रदेश)
हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई और यह भगवान कृष्ण के जन्मस्थान को नष्ट कर बनाई गई संरचना है। इस पर ASI सर्वेक्षण के आदेश पहले दिए गए थे।
7. ज्ञानवापी मस्जिद (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
ज्ञानवापी परिसर के अंदर हिंदू मंदिर के अवशेष मिलने की पुष्टि ASI रिपोर्ट में की गई। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वेक्षण को लेकर आदेश पर रोक लगाई है, लेकिन इस विवाद में हिंदू पक्ष को झरोखा दर्शन और पूजा का अधिकार पहले दिया जा चुका है।
8. कुतुब मीनार विवाद (दिल्ली)
हिंदू और जैन मंदिरों के अवशेषों को तोड़कर मस्जिद बनाए जाने का दावा किया गया। 2020 में दायर याचिका निचली अदालत में खारिज हो चुकी है, जिसे उच्च अदालत में चुनौती दी गई है।
देशभर में धार्मिक स्थल विवादों का प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी अदालतें किसी धार्मिक स्थल के सर्वेक्षण या विवाद को लेकर नया आदेश नहीं दे सकेंगी। इससे कई लंबे समय से लंबित मामलों में निर्णय आने में देरी होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इन मामलों को एक राष्ट्रीय समाधान की दिशा में ले जाने का संकेत है। केंद्र सरकार का रुख और प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 पर अंतिम निर्णय इस विवाद के भविष्य को तय करेगा।