उत्तर प्रदेश के बहराइच में योगी सरकार द्वारा 23 अवैध भवनों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई है, जिसके बाद यह मामला गरमा गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई हाई कोर्ट के आदेश पर की गई है, लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे लेकर कड़ा विरोध जताया है और सवाल उठाए हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद इस तरह की कार्रवाई कैसे हो सकती है।
बहराइच में क्यों हुआ बुलडोजर एक्शन?
बहराइच में 23 अवैध भवनों को हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रशासन का आरोप है कि ये भवन सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए थे। स्थानीय प्रशासन ने दावा किया है कि उन्होंने पहले कई बार नोटिस जारी किए थे, लेकिन लोगों ने जमीन खाली नहीं की। हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई शुरू की।
स्थानीय लोगों का दावा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे पिछले 50 सालों से इस जमीन पर रह रहे हैं और इस दौरान कभी किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई। लोगों का आरोप है कि विशेष रूप से चुनकर ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
सपा का विरोध और सुप्रीम कोर्ट का आदेश
समाजवादी पार्टी ने इस कार्रवाई को लेकर कड़ा विरोध जताया है। सपा नेताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा रखी है, फिर भी सरकार यह कदम उठा रही है। सपा के एक नेता ने तीखा बयान देते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर को ‘गैराज में खड़ा’ कर दिया था, तो अब यूपी की जनता भी “बुलडोजर बाबा” (योगी आदित्यनाथ) को गैराज में खड़ा कर देगी।
दिल्ली में भी हो चुकी है ऐसी कार्रवाई
बहराइच से पहले दिल्ली में भी बुलडोजर कार्रवाई का मामला सामने आया था, जहां ड्रग पैडलर्स के खिलाफ 22 इमारतों को गिराने की कार्रवाई की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस समय यह टिप्पणी की थी कि बिना उचित प्रक्रिया के इस तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती, और कोर्ट ने यह भी कहा था कि वह जल्द ही इस विषय पर विस्तृत गाइडलाइन जारी करेगा।
यह मामला अब यूपी की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, जहां एक ओर सरकार इसे कानून के तहत कार्रवाई बता रही है, वहीं दूसरी ओर सपा इसे लेकर जनता के बीच आवाज उठा रही है।