उत्तर प्रदेश में दस विधानसभा सीटों पर संभावित उपचुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है। AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है, जिससे सपा (समाजवादी पार्टी) और कांग्रेस की चिंताएँ बढ़ गई हैं। AIMIM के यूपी अध्यक्ष शौकत अली ने मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सपा, कांग्रेस और भाजपा पर जमकर हमला बोला।
कुंदरकी विधानसभा सीट सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क़ के संभल से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। यह सीट मुस्लिम बहुल मानी जाती है, और आगामी उपचुनाव में AIMIM की उपस्थिति ने सपा और कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा दी हैं। AIMIM ने यहां से अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर चुनावी जंग को और तीव्र कर दिया है।
कुंदरकी में जनसभा को संबोधित करते हुए शौकत अली ने सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने मुसलमानों के मुद्दों को दरकिनार कर दिया है और जब भी जरूरत पड़ी, उसने मुसलमानों की आवाज उठाने में विफलता दिखाई। शौकत अली ने कहा कि अखिलेश यादव ने केवल मंगेश यादव के एनकाउंटर का मुद्दा उठाया, जबकि यूपी में 61 मुसलमानों को एनकाउंटर में मारा गया और किसी ने कोई आवाज नहीं उठाई।
शौकत अली ने अपने भाषण में कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “आरएसएस की जननी कांग्रेस है, क्योंकि आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार कांग्रेस के सदस्य थे और कांग्रेस पार्टी के सचिव थे। भाजपा और कांग्रेस में कोई फर्क नहीं है। जब कांग्रेस बूढ़ी हो गई तो संघ ने भाजपा को आगे कर दिया। आज देश में जो नफरत का माहौल है, उसकी जिम्मेदार भी कांग्रेस है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के अधिकतर सांसद पहले कांग्रेस में थे, और आज भी कांग्रेस के बड़े नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उनका कहना था कि कांग्रेस अब बूढ़ी हो चुकी है और कोई भी अपना भविष्य बूढ़ी मां में नहीं बल्कि जवान बेटे में तलाशता है।
शौकत अली ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी तंज कसते हुए कहा कि उनकी ‘मोहब्बत की दुकान’ सिर्फ यूपी के कुंदरकी में ही खुली है, जबकि कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में मोहब्बत की दुकान बंद है। उन्होंने कहा, “हिमाचल में कांग्रेस का एक मंत्री विधानसभा में कहता है कि मस्जिद को गैर कानूनी बता उसे गिरा दिया जाए। अगर कांग्रेस सच में मोहब्बत की राजनीति करती है तो वह पूरे देश में ऐसा क्यों नहीं करती?”
शौकत अली ने कहा कि मुसलमानों की असल आवाज सिर्फ AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ही उठाते हैं। उन्होंने कहा, “अगर मुसलमानों को अपने हालात में बदलाव चाहिए, तो उन्हें AIMIM को वोट देना होगा। हमें लोकतांत्रिक तरीके से अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ानी होगी।” शौकत अली ने कांशीराम के दलित आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि मुसलमानों को भी उसी तरह अपने अधिकारों के लिए संगठित होना पड़ेगा।
कुंदरकी सीट मुस्लिम बहुल मानी जाती है और यहां उपचुनाव में AIMIM की उपस्थिति से सपा और कांग्रेस की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस सीट पर सपा का वर्चस्व रहा है, लेकिन AIMIM की एंट्री ने चुनावी समीकरणों को बदल दिया है। मुरादाबाद क्षेत्र में AIMIM की बढ़ती गतिविधियों से साफ है कि पार्टी यहां जोर-शोर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
आगामी उपचुनाव में AIMIM की उपस्थिति से मुस्लिम वोटों का विभाजन हो सकता है, जिससे सपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती मिल सकती है। शौकत अली के बयानों से साफ है कि AIMIM यहां किसी भी तरह से सपा और कांग्रेस को मजबूत स्थिति में नहीं आने देना चाहती।
यूपी में होने वाले उपचुनावों से पहले AIMIM की एंट्री ने चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। कुंदरकी विधानसभा सीट पर AIMIM का प्रत्याशी उतारने का फैसला सपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।