उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के दौरान चंद्रशेखर आजाद और असदुद्दीन ओवैसी के संभावित गठबंधन से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। चंद्रशेखर आजाद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच गठबंधन की संभावना ने प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। यह गठबंधन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, और कांग्रेस की संभावनाओं को भी सीमित कर सकता है।
चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी ने मीरापुर सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और ओवैसी के साथ गठबंधन की चर्चाएं अंतिम चरण में हैं। यदि यह गठबंधन हुआ, तो दोनों नेता ओबीसी और जनरल वर्ग का नेतृत्व शामिल करने की योजना बना रहे हैं, जो यूपी की 300 से अधिक सीटों पर प्रभाव डाल सकता है।
इस गठबंधन से भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। चंद्रशेखर आजाद और ओवैसी की रणनीति यूपी की सियासत को एक नया दिशा देने की है, जिसका असर 2027 के चुनावों पर भी पड़ सकता है। आजाद और ओवैसी का यह गठबंधन उपचुनाव में प्रमुख सियासी ताकत बन सकता है, जिससे यूपी की राजनीतिक हवा बदल सकती है।