तिरुपति लड्डू विवाद पर असदुद्दीन ओवैसी की आई पहली प्रतिक्रिया
Asaduddin Owaisi News
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। धर्माचार्यों से लेकर राजनेताओं तक के बयान सामने आ रहे हैं। इस बीच, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तिरुपति के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की खबरें सामने आई हैं, और अगर ऐसा हुआ है तो यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा, “हम भी इसे गलत मानते हैं और यह नहीं होना चाहिए था।”
इसके अलावा, ओवैसी ने वक्फ संशोधन बिल पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वक्फ में सदस्य मुस्लिम समुदाय के बाहर का कैसे हो सकता है? उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ प्रॉपर्टी एक निजी संपत्ति है और बीजेपी इसे सरकारी संपत्ति के रूप में दिखाकर अफवाह फैला रही है। उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड के पास 10 लाख एकड़ जमीन होने का दावा झूठा प्रोपेगेंडा है।”
ओवैसी ने वक्फ प्रॉपर्टी की तुलना हिंदू धर्म में दान की जाने वाली संपत्तियों से की और कहा कि जैसे हिंदू धर्म में जमीन दान दी जाती है, वैसे ही वक्फ में भी संपत्ति दान की जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल लाकर वक्फ संपत्ति को खत्म करना चाहती है। ओवैसी ने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तावित बिल वक्फ के पक्ष में नहीं, बल्कि उसे कमजोर करने के लिए है।
उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर आपत्ति जताई कि वक्फ संपत्तियों पर निर्णय लेने का अधिकार कलेक्टर को दिया गया है, जो सरकार के अधीन काम करता है। ओवैसी ने कहा, “कलेक्टर कैसे तय कर सकता है कि वक्फ की जमीन है या नहीं, जब वह खुद सरकार का आदमी है? यह न्यायपूर्ण नहीं हो सकता।”
असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो वे आजाद मैदान में बड़े प्रदर्शन करेंगे।
इस पूरे प्रकरण में तिरुपति लड्डू विवाद और वक्फ बिल पर ओवैसी के बयान ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है।