महाराष्ट्र चुनाव 2024: AIMIM की महाविकास अघाड़ी में एंट्री पर शिवसेना (UBT) का विरोध, सीट बंटवारे पर खींचतान
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही राज्य की सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। महायुति और महाविकास अघाड़ी, दोनों प्रमुख गठबंधन दल सीट बंटवारे को लेकर लगातार बैठकों में जुटे हुए हैं। महायुति में भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), और अन्य सहयोगी दल शामिल हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का शरद पवार गुट, और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) प्रमुख हैं।
AIMIM की महाविकास अघाड़ी में एंट्री की चर्चा
इस चुनावी माहौल के बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) महाविकास अघाड़ी में शामिल होने की कोशिश कर रही है। AIMIM ने कांग्रेस और NCP को महाविकास अघाड़ी में शामिल होने के लिए एक लिखित प्रस्ताव भी भेजा है। इस प्रस्ताव में ओवैसी की पार्टी ने 28 सीटों की सूची दी है, जो मुस्लिम बहुल इलाकों में हैं या जहां मुस्लिम मतदाताओं की निर्णायक भूमिका है। इन सीटों पर AIMIM चुनाव लड़ना चाहती है और गठबंधन के लिए कुछ सीटों को अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ने की भी बात कही है।
शिवसेना (UBT) का विरोध
हालांकि, शिवसेना (UBT) ने AIMIM के इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि महाविकास अघाड़ी में पहले से ही कई दल हैं, जिनमें कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट), समाजवादी पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, शेतकरी कामगार पक्ष और रिपब्लिकन संगठन शामिल हैं। इस भीड़ भरे गठबंधन में नए दल के लिए जगह नहीं है। शिवसेना (UBT) का मानना है कि AIMIM के साथ गठबंधन करने से गठबंधन के भीतर मतभेद और तनाव बढ़ सकता है।
कांग्रेस और NCP का रूख
कांग्रेस और NCP (शरद पवार गुट) ने अभी तक AIMIM के प्रस्ताव पर स्पष्ट रूप से सहमति या असहमति नहीं जताई है। दोनों दलों के भीतर इस मुद्दे पर मंथन चल रहा है, लेकिन किसी ठोस निर्णय तक नहीं पहुंचे हैं। यदि AIMIM को गठबंधन में शामिल नहीं किया जाता, तो यह ओवैसी की पार्टी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि वे मुस्लिम मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए चुनावी समीकरण बना रहे हैं।
AIMIM की मांग: 28 मुस्लिम बहुल सीटें
AIMIM ने जिन 28 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, उनमें प्रमुखता से मुंबई, ठाणे, औरंगाबाद, नांदेड, और मालेगांव जैसे इलाके शामिल हैं। इनमें धारावी, भायखला, मुंबा देवी, वर्सोवा, अंधेरी पश्चिम, कुर्ला, कलिना, बांद्रा पूर्व, औरंगाबाद मध्य, सोलापुर मध्य और मालेगांव जैसी सीटें प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए AIMIM इन सीटों को अपने लिए सुरक्षित रखना चाहती है।
चुनाव की संभावनाएं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नवंबर या दिसंबर 2024 के अंत तक होने की संभावना है। चुनाव आयोग ने राज्य का दौरा भी कर लिया है और जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन की खींचतान और सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं।
AIMIM का महाविकास अघाड़ी में शामिल होने का प्रयास, शिवसेना (UBT) के विरोध और कांग्रेस-NCP के विचार-विमर्श के चलते आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति और भी दिलचस्प हो सकती है।