दौसा में तेज रफ्तार डंपर का कहर: 5 की मौत, 10 घायल; पुलिस प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट बस स्टैंड पर एक दर्दनाक हादसे में तेज रफ्तार डंपर ने कई बाइक सवारों और राहगीरों को कुचल दिया। हादसे में 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को लालसोट और दौसा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि डंपर का ब्रेक फेल हो गया था, जिसके बाद वह एक बस से टकराकर भीड़ में घुस गया। हादसे के बाद दोनों वाहनों के नीचे कुल 15 लोग दब गए थे।
दुर्घटना का समय और घटनास्थल
यह दर्दनाक हादसा सुबह 11:30 बजे हुआ। डंपर के ब्रेक फेल होने के कारण वह तेजी से बस स्टैंड पर खड़ी एक रोडवेज बस से टकरा गया। इसके बाद डंपर और बस दोनों के नीचे कई लोग दब गए। घायलों को निकालने के लिए क्रेन की मदद ली गई। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
घायलों की स्थिति और मृतकों की पहचान
लालसोट जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. सीताराम मीणा के अनुसार, कुल 15 लोग अस्पताल लाए गए, जिनमें से 4 की मौके पर ही मौत हो गई थी। इलाज के दौरान एक और घायल की मौत हो गई। मृतकों की पहचान लक्ष्मी महावर (14), रेवड़ (33) पुत्र गेंडालाल, महेश चंद्र शर्मा और रामहरि योगी के रूप में हुई है।
घायलों में अजय (33), कस्तूरी (34), पप्पू (50), बिरमा (45), अर्चना (35), हाकिम सिंह (60), गोलू (14), मानसिंह (14), उर्मिला (40), और पूजा (30) शामिल हैं। इन सभी को दौसा और अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया है।
स्थानीय नेता और लोगों का आरोप: पुलिस प्रशासन जिम्मेदार
इस हादसे के बाद स्थानीय नेता और लोग पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस नेता कमल मीणा ने कहा कि इस इलाके में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक बड़े वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते ये ओवरलोडेड डंपर यहां बेरोकटोक घुसते हैं। उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले लालसोट के व्यापारियों ने इसी समस्या को लेकर प्रदर्शन किया था, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया।
विधायक रामबिलास मीणा ने भी प्रशासन पर उठाए सवाल
लालसोट के विधायक रामबिलास मीणा ने भी हादसे के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने एएसपी लोकेश मीणा से सवाल किया कि जब सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक बड़े वाहनों की एंट्री प्रतिबंधित है, तो इन ओवरलोड वाहनों को किसके आदेश पर शहर में प्रवेश दिया जा रहा है।
निष्कर्ष
इस हादसे ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है, जहां ओवरलोड वाहनों की अनदेखी की जा रही थी। हादसे में मारे गए और घायल लोगों के परिवार शोक में डूबे हुए हैं। स्थानीय नेताओं और लोगों ने इस घटना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।