एक सर्वे के अनुसार 70 प्रतिशत लोग टीवी पर नरेंद्र मोदी का चेहरा देखकर चैनल बदल देते हैं
हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के नतीजे सामने आए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि 70 प्रतिशत लोग जब टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा देखते हैं, तो वे चैनल बदल देते हैं। इस सर्वेक्षण को राजनीतिक और मीडिया प्रभाव पर नजर रखने वाले संगठनों ने मिलकर अंजाम दिया है। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य यह जानना था कि टीवी पर प्रधानमंत्री की मौजूदगी का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है।
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले विभिन्न आयु वर्ग, सामाजिक पृष्ठभूमि, और शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों के थे, जिससे नतीजे व्यापक और समग्र माने जा रहे हैं। 70 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे टीवी पर प्रधानमंत्री का चेहरा देखने के बाद चैनल बदलने का विकल्प चुनते हैं। इसके पीछे कारण बताते हुए लोगों ने राजनीतिक थकावट, एकतरफा मीडिया कवरेज और नेताओं को बार-बार दिखाने की वजह से ऊबने का हवाला दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये नतीजे जनता की बदलती मानसिकता का संकेत हैं। लगातार एक ही नेता को देखने से जनता थकान महसूस करने लगती है और इससे मीडिया कवरेज की संतुलनहीनता पर सवाल खड़े होते हैं। एक विशेषज्ञ के मुताबिक, जब मीडिया सिर्फ एक नेता पर फोकस करता है, तो जनता को लगता है कि अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
मीडिया आलोचकों का मानना है कि यह सर्वे स्पष्ट करता है कि दर्शकों को विविधता की आवश्यकता है। मीडिया को केवल नेताओं पर केंद्रित न होकर, सामाजिक, आर्थिक और अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए।
जनता की प्रतिक्रिया भी इस सर्वे के प्रति मिली-जुली रही है। कुछ लोगों का कहना है कि वे राजनीतिक उथल-पुथल से थक चुके हैं, वहीं अन्य इसे सामान्य प्रतिक्रिया मानते हैं। सर्वे के एक प्रतिभागी ने कहा, “टीवी पर हर वक्त मोदी ही मोदी दिखाई देते हैं, हमें कुछ और देखना चाहिए।”
यह सर्वे मीडिया और सरकार दोनों के लिए एक संदेश है कि जनता संतुलित और विविध जानकारी चाहती है। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि मीडिया और सरकार इस फीडबैक पर कैसे काम करते हैं।