संजय राउत ने मदरसा शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी पर सरकार को घेरा, कहा- ‘क्या यह वोट जिहाद नहीं है?’
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पर मदरसा शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी के फैसले को लेकर तीखा हमला किया है। राउत ने इस फैसले को ‘वोट जिहाद’ का हिस्सा बताया और कहा कि अगर शिवसेना (यूबीटी) ने ऐसा फैसला लिया होता, तो बीजेपी इसे ‘वोट जिहाद’ करार देती।
राउत का आरोप: चुनावी गणित के तहत लिया फैसला
संजय राउत ने आरोप लगाया कि मौलाना आजाद वित्तीय निगम की राशि को 700 करोड़ से बढ़ाकर 1,000 करोड़ करना आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या यह वोट जिहाद नहीं है? बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों का वेतन बढ़ना चाहिए, लेकिन अगर हमने ऐसा किया होता, तो बीजेपी इसे वोट जिहाद कहती।”
कांग्रेस का भी समर्थन, लेकिन उठाए सवाल
कांग्रेस नेता नसीम खान ने भी इस मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि का फैसला आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर लिया गया है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी अपने उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही जो मुसलमानों को धमकी दे रहे हैं? यह निर्णय मुसलमानों के उत्थान के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि बीजेपी का प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनाव जैसा खराब न हो।”
हालांकि, नसीम खान ने दोनों फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में महायुति सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और आने वाले चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन को हार का सामना करना पड़ेगा।
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने संजय राउत के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि महायुति सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। उन्होंने कहा, “सरकार ने उद्धव ठाकरे और संजय राउत का वेतन नहीं बढ़ाया है, जिनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद का सहारा लिया था।” सोमैया ने जोर दिया कि जब स्वास्थ्य और शिक्षा की बात आती है, तो बीजेपी की सरकार सभी के साथ समान व्यवहार करती है।
मदरसा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि का फैसला
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने हाल ही में मदरसा शिक्षकों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। डीएड डिग्री वाले शिक्षकों का वेतन 6 हजार से बढ़ाकर 16 हजार रुपये कर दिया गया है, जबकि बीए, बीएड, बीएससी डिग्री वाले शिक्षकों का वेतन 8 हजार से बढ़ाकर 18 हजार रुपये किया गया है।
महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, और मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने इन फैसलों को चुनावी स्टंट करार दिया है, जबकि बीजेपी का कहना है कि यह कदम समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए है।