बहराइच हिंसा: राम गोपाल मिश्रा की मौत पर गोदी मीडिया की फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बेनकाब, पुलिस ने दी सांप्रदायिक अफवाहों पर सख्त चेतावनी
13 अक्टूबर को बहराइच के महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई। इस घटना के बाद, मुख्यधारा मीडिया और कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह भ्रामक दावा किया गया कि राम गोपाल की हत्या करंट लगाकर, तलवार से मारकर, और उनके नाखून उखाड़कर की गई थी। इन रिपोर्टों ने तनावपूर्ण माहौल को और अधिक खराब कर दिया, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका थी।
हालांकि, बहराइच पुलिस ने तुरंत इन दावों का खंडन किया। पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राम गोपाल मिश्रा की मौत का कारण गोली लगना और अत्यधिक रक्तस्राव पाया गया है। पुलिस ने साफ किया कि मीडिया में फैलाई गईं अन्य जानकारियां—जैसे करंट लगाना, तलवार से हमला करना और नाखून उखाड़ना—पूरी तरह से गलत और भ्रामक हैं। पुलिस ने इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश बताते हुए लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और भ्रामक सूचनाओं को फैलाने से बचें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. संजय कुमार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर जानकारी दी कि मिश्रा के शरीर पर 25 से 30 छर्रे पाए गए, जो गोली लगने का प्रमाण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मिश्रा की बाईं आंख और पैरों पर चोट के निशान थे, लेकिन नाखून उखाड़ने जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भी तरह की प्रताड़ना का जिक्र नहीं किया गया है, जैसा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था।
बहराइच पुलिस ने इस भ्रामक जानकारी पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। अब तक इस हिंसा और उसके बाद हुए दंगों के मामले में 11 अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं, और 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हत्या के मामले में छह नामजद आरोपियों में से एक दानिश उर्फ शहीर खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, दोनों समुदायों के खिलाफ दंगे, आगजनी, और तोड़फोड़ के कुल नौ मामले दर्ज किए गए हैं।
बहराइच में लगातार तीन दिनों तक मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बंद रखी गईं, जिससे दैनिक जीवन और कारोबार प्रभावित हुआ। पुलिस और प्रशासन की कोशिश है कि माहौल शांत रहे और अफवाहें न फैलें, लेकिन सोशल मीडिया और कुछ मीडिया चैनलों द्वारा फैलाई गई फर्जी जानकारी ने तनाव को बढ़ा दिया। इस घटना ने फिर से मीडिया की जिम्मेदारी और फेक न्यूज की समस्या पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर जब ऐसी खबरें सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का कारण बनती हैं।