महाराष्ट्र: लौटते मानसून ने मचाया कहर, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में फसलों को भारी नुकसान
राज्य में लौटते मानसून की बारिश ने राज्यभर में हाहाकार मचा दिया है, खासकर मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में इसका सबसे ज्यादा असर देखा गया है। रविवार (20 सितंबर) को औरंगाबाद के वरुड काझी और पिसादेवी क्षेत्रों में 123 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस बारिश के कारण तूर, कपास, और सोयाबीन जैसी फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इसके साथ ही येलदरा, निम्न दूधना, और इसापुर बांधों के जलस्तर में वृद्धि होने से पानी का विसर्जन शुरू किया गया है, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।
मराठवाड़ा के पांच जिलों के 40 मंडलों में भारी बारिश के कारण कपास, सोयाबीन, और तूर की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खास बात यह है कि ये सभी फसलें कटाई के लिए तैयार थीं। दूसरी ओर, रुकी हुई रबी की बुवाई के लिए यह बारिश एक राहत साबित हो सकती है। खेतों में सोयाबीन की मढ़ाई के लिए ढेर लगाए गए थे, लेकिन बारिश से उनका भी नुकसान हो गया है।
मध्य महाराष्ट्र के नासिक, खानदेश, और नगर जिलों में भी बारिश का कहर जारी है। नासिक जिले के इगतपुरी तालुका में धान की फसलें बारिश के कारण जमीन पर बिछ गई हैं। प्याज उत्पादक किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। जिले के सभी हिस्सों में प्याज की फसल और नर्सरी को बारिश ने प्रभावित किया है, साथ ही टमाटर, गोभी, मिर्च जैसी सब्जियों की खेती को भी बड़ा नुकसान हुआ है।
आज इन क्षेत्रों में यलो अलर्ट जारी किया गया है:
मध्य महाराष्ट्र – सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर, सातारा, पुणे, नासिक, जळगांव, धुले, नंदुरबार
कोकण – सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, मुंबई, रायगड, ठाणे, पालघर
मराठवाड़ा – नांदेड़, औरंगाबाद, धाराशिव, लातूर, बीड, जालना
विदर्भ – वाशीम, गड़चिरोली, चंद्रपुर, गोंदिया, भंडारा, नागपुर, वर्धा, यवतमाल, अमरावती, अकोला, बुलढाणा