मराठा, मुस्लिम, दलित एकता से महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़, विधानसभा चुनावों में सत्ता परिवर्तन का आह्वान
जालना: अंबड तालुका के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे के नेतृत्व में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मराठा, दलित, और मुस्लिम समुदायों के नेता और प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करना था। प्रमुख रूप से इस बैठक में राजरत्न आंबेडकर, आनंदराज आंबेडकर और मुस्लिम धर्मगुरु सज्जाद नोमानी जैसे नेता भी उपस्थित थे।
मनोज जरांगे ने बैठक के बाद बताया, “हमारा उद्देश्य राज्य में गरीबों और आम नागरिकों को न्याय दिलाना है, जिसके लिए सत्ता परिवर्तन आवश्यक है। मराठा, मुस्लिम और दलित समुदायों के बीच सहमति बनी है, और एक व्यापक गठबंधन तैयार हो चुका है। चुनावों में हमारे उम्मीदवारों और निर्वाचन क्षेत्रों की घोषणा तीन नवंबर यानी आज की जाएगी।”
जरांगे ने स्पष्ट किया कि यह प्रयास धर्म परिवर्तन के लिए नहीं, बल्कि सत्ता में बदलाव लाने के लिए है। उन्होंने कहा, “हमारे समुदायों को एकजुट करके अन्याय और संकटों का सामना करेंगे और उन लोगों को राजनीतिक रूप से चुनौती देंगे जो हमारे अस्तित्व को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं।”
इस बैठक में मुस्लिम धर्मगुरु सज्जाद नोमानी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र का प्रेम और भाईचारा का इतिहास रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से ही इस राज्य में सभी धर्मों का योगदान रहा है। हमें विभाजन की राजनीति को रोककर एक साथ आना होगा।”
आनंदराज आंबेडकर ने इस एकता को दलित समाज के लिए एक बड़ा अवसर बताया और जरांगे के नेतृत्व में काम करने का आश्वासन दिया। वहीं, राजरत्न आंबेडकर ने कहा कि जरांगे के प्रयासों से आम नागरिकों के लिए विधानसभा चुनावों के अवसर खुल रहे हैं।
जरांगे की इस पहल से यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया समीकरण उभर रहा है, जहां मराठा, मुस्लिम और दलित एकजुट होकर सत्ता में बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।