महाराष्ट्र चुनाव: क्या अजित पवार फिर बदलेंगे पाला? नवाब मलिक के बयान से राजनीतिक हलचल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र चुनाव में मानखुर्द शिवाजी नगर से उम्मीदवार नवाब मलिक के हालिया बयान से राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि अगर चुनाव परिणामों के बाद सत्तारूढ़ महायुति को बहुमत नहीं मिलता और महाविकास अघाड़ी (MVA) कुछ सीटों की कमी के कारण सत्ता से दूर रह जाती है, तो अजित पवार एक बार फिर ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकते हैं।
नवाब मलिक का संकेत
नवाब मलिक ने कहा, “महाराष्ट्र में दोनों पक्षों में तीन-तीन पार्टियों का गठबंधन है, इसलिए इस चुनाव के बाद अजित पवार की भूमिका अहम हो सकती है। 2019 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जब किसी ने नहीं सोचा था कि कौन किसके साथ जाएगा। इस बार भी कुछ भी हो सकता है।” मलिक ने साफ किया कि महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता और वे नतीजों के बाद एक बार फिर से किंगमेकर बन सकते हैं।
2019 की कहानी की याद
यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अजित पवार का 2019 का पाला बदलने का इतिहास फिर से चर्चा में है। 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अजित पवार ने अचानक बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। हालांकि, यह गठबंधन केवल दो दिन ही चला और अजित पवार वापस अपने चाचा शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में लौट आए। इस बार भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या चुनाव परिणाम आने के बाद अजित पवार एक बार फिर से अपनी रणनीति बदल सकते हैं।
मौजूदा स्थिति और संभावनाएं
अजित पवार ने हाल ही में शरद पवार के गढ़ बारामती से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उनके इस कदम को भी सत्ता की संभावनाओं के प्रति एक रणनीतिक चाल माना जा रहा है। उनके और बीजेपी के बीच के रिश्ते को लेकर भी चर्चा है, क्योंकि उन्होंने शरद पवार की एनसीपी से अलग होकर महायुति में शामिल होकर डिप्टी सीएम का पद संभाला है।
भविष्य की संभावनाएं और राजनीतिक अनुमान
अगर चुनाव परिणामों में सत्तारूढ़ महायुति को बहुमत नहीं मिला और विपक्ष की महाविकास अघाड़ी कुछ सीटों से बहुमत से पीछे रह गई, तो यह संभावित है कि अजित पवार एक बार फिर से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। नवाब मलिक के बयान से स्पष्ट है कि अजित पवार की महत्वाकांक्षाएं और उनकी राजनीतिक चतुराई आने वाले समय में महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकती हैं।
नवाब मलिक के बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से अजित पवार की भूमिका निर्णायक हो सकती है। उनके पिछले अनुभव और चालों को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव के बाद वह किस दिशा में कदम बढ़ाते हैं। महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में संभावित बदलावों की अटकलें अब और भी तेज हो गई हैं, जिससे आने वाले चुनावों के परिणाम और भी रोमांचक बन गए हैं।