TDP उपाध्यक्ष का बड़ा बयान: वक्फ संशोधन बिल को नाकाम करने का आह्वान, चंद्रबाबू नायडू की प्रतिक्रिया पर टिकी नजरें
केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल पेश करने की योजना बनाई है, जिसने पूरे देश में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इस बीच, भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण सहयोगी दल, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने इस बिल को नाकामयाब करने के लिए आगे बढ़ने का आह्वान किया है। उन्होंने यह बयान दिल्ली में आयोजित भारतीय संविधान सुरक्षा सम्मेलन में दिया, जिसमें उन्होंने देश के हालात पर चिंता जताई।
अमीर बाबू का बयान
अमीर बाबू ने कहा, “भारत की बदकिस्मती है कि पिछले 10-12 सालों में यहां वह हुआ जो नहीं होना चाहिए था।” उनका यह बयान केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन बिल के प्रति टीडीपी की स्पष्ट नाराजगी को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल को नाकाम करने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।
चंद्रबाबू नायडू की भूमिका
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तारीफ करते हुए अमीर बाबू ने कहा कि नायडू एक सेकुलर इंसान हैं जो हिंदू और मुसलमान को समान नजर से देखते हैं। टीडीपी की यह प्रतिक्रिया महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि पार्टी केंद्र सरकार की अहम सहयोगी है। अब यह देखना होगा कि नायडू अपने उपाध्यक्ष के बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
अमीर बाबू के बयान से यह साफ है कि टीडीपी इस मुद्दे पर न सिर्फ एक विचार रखती है, बल्कि वह इसे एक राजनीतिक मुद्दे के रूप में भी देख रही है। इस संदर्भ में, 15 दिसंबर को आंध्र प्रदेश में जमीयत के जलसे में चंद्रबाबू नायडू की उपस्थिति और उनके विचार जानना भी महत्त्वपूर्ण होगा।
वक्फ संशोधन बिल की पृष्ठभूमि
वक्फ संशोधन बिल को 2024 में लोकसभा में पेश किया गया था। इसे संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया था। विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया है। इस बिल में संशोधन विधेयक के लिए भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के नेतृत्व में एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन भी किया गया है, जिसमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल हैं।
जेपीसी ने अब तक कई बैठकें की हैं और इसके माध्यम से 90 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। हालांकि, इस मामले का समाधान अभी तक नहीं निकल सका है। संसद का शीतकालीन सत्र इसी महीने शुरू होने वाला है, और ऐसी संभावना है कि केंद्र सरकार इस बिल को फिर से पेश कर सकती है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रतिक्रिया
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी वक्फ संशोधन बिल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे ‘खतरनाक’ करार दिया है। बोर्ड ने चेतावनी दी है कि इस बिल के आने से मस्जिदों, कब्रिस्तानों और मदरसों को खतरा पैदा हो जाएगा। इस प्रकार, यह विवाद सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि धार्मिक और सामाजिक संदर्भ में भी महत्त्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
वक्फ संशोधन बिल को लेकर जो विवाद खड़ा हुआ है, वह भारतीय राजनीति में एक नई बहस का संकेत है। टीडीपी का यह कदम न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि यह केंद्र सरकार की योजनाओं को भी चुनौती देगा। चंद्रबाबू नायडू की प्रतिक्रिया और इस मामले में उनकी स्थिति का पता लगाना आगे के घटनाक्रमों के लिए महत्त्वपूर्ण होगा।