महायुति में आंतरिक बगावत से अजित पवार की NCP को 8 सीटों पर कड़ी चुनौती
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सोमवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि समाप्त हो गई, जिसके बाद 288 सीटों पर कुल 4140 उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट हो गई है। इस चुनाव में महायुति (भाजपा, शिवसेना, और अजित पवार की एनसीपी) ने एक साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, लेकिन गठबंधन के भीतर की बगावत अजित पवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है।
महायुति में बगावत की स्थिति
अजित पवार की पार्टी के 13 उम्मीदवारों के खिलाफ पहले शिवसेना (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली) और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने बगावत की थी। हालांकि, नेताओं द्वारा समझाने और समझौते के प्रयासों के बाद 5 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए। इसके बावजूद, 8 सीटों पर बागी उम्मीदवार अभी भी मैदान में डटे हुए हैं। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि महायुति में आंतरिक कलह अब भी बरकरार है।
अजित पवार के लिए चुनौतीपूर्ण सीटें
- शिवाजीनगर मानखुर्द: एनसीपी के नवाब मलिक का सामना शिवसेना के बागी उम्मीदवार बुलेट पाटिल से होगा।
- मोर्शी: एनसीपी के देवेंद्र भुयार के खिलाफ भाजपा के उमेश यवलकर चुनौती पेश कर रहे हैं।
- आष्टी: बालासाहेब आजबे को भाजपा के सुरेश धस से मुकाबला करना पड़ेगा।
- देवलाली: एनसीपी की सरोज अहिरे का सामना शिवसेना की राजश्री अहेर से होगा।
- बांद्रा पूर्व: जीशान सिद्दीकी का मुकाबला शिवसेना के कुणाल सरमलकर से है।
- अमलनेर: एनसीपी के अनिल पाटिल के खिलाफ भाजपा के शिरीष चौधरी मैदान में हैं।
- अमरावती: सुलभा खोडके का सामना भाजपा के जगदीश गुप्ता से होगा।
- जुन्नर: अतुल बेनके को भाजपा की आशा बुचके से चुनौती मिलेगी।
नाम वापस लेने वालों की सूची
कुछ उम्मीदवारों ने गठबंधन के दबाव में अपने नाम वापस ले लिए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- अणुशक्ति नगर: सना मलिक ने नाम वापस लिया, जिनका सामना शिवसेना के अविनाश राणे से था।
- डिंडोरी: नरहरि झीरवाल ने अपने नामांकन वापस ले लिया, जहां उनका मुकाबला शिवसेना के धनराज महाले से था।
- उदगीर: संजय बनसोडे ने भाजपा के दिलीप गायकवाड़ के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी छोड़ दी।
- पथरी: राजेश विटेकर ने भाजपा के रंगनाथ सोलंखे के खिलाफ नाम वापस लिया।
- वसमत: राजू नवघरे ने अपना नाम वापस लिया, जिनका सामना भाजपा के मिलिंद एबला से था।
चुनाव पर असर
महायुति में इस प्रकार की आंतरिक बगावत अजित पवार की पार्टी के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ सकते हैं। चुनावों में इस तरह के अंदरूनी संघर्ष से वोट बंटने की संभावना बढ़ जाती है, जो महायुति की चुनावी संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं, जबकि मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अजित पवार और महायुति के नेता अंतिम समय में अपनी रणनीति में कोई बदलाव करते हैं या यह बगावत चुनावी नतीजों पर असर डालती है।