तेलंगाना में जातिगत और आर्थिक जनगणना की शुरुआत, राहुल गांधी ने बताया राष्ट्रीय मॉडल
तेलंगाना में आज, 6 नवंबर से जातिगत और आर्थिक जनगणना की शुरुआत हो रही है, जिसमें 80 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे। राज्य के उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्का मल्लू के अनुसार, इस जनगणना से प्राप्त आंकड़े राज्य के विकास में मदद करेंगे और योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाएंगे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस पहल का समर्थन करते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल बनाने की बात कही। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में उन्होंने कहा कि यह जनगणना समाज में भेदभाव की प्रकृति और सीमा को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी ने जोर दिया कि देश में जातिगत भेदभाव गहरे स्तर पर व्याप्त है, जो इसे अन्य देशों से अधिक जटिल बनाता है।
राहुल गांधी ने देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को खत्म करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए पूछा कि वे क्यों नहीं इस सवाल का जवाब देते कि कॉर्पोरेट, न्यायपालिका और मीडिया जैसे क्षेत्रों में दलितों, ओबीसी और आदिवासियों का प्रतिनिधित्व कितना है। राहुल गांधी ने संसद में कांग्रेस पार्टी की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना कराने का वादा किया, ताकि समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिल सकें।
इस जनगणना के अंतर्गत नागरिकों की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति की जानकारी एकत्र की जाएगी। साथ ही यह देखा जाएगा कि पिछड़े वर्गों को राजनीति में कितनी भागीदारी मिली है। इसके आधार पर आयोग स्थानीय निकायों में आरक्षण की सिफारिशें भी कर सकता है।
तेलंगाना की यह पहल देश में जातिगत जनगणना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे अन्य राज्य भी प्रेरणा ले सकते हैं।