मनोज जरांगे की चुनावी माघारी पर राजरत्न आंबेडकर का बड़ा खुलासा: यादी न देने का दावा गलत
मराठा आरक्षण के संघर्ष में प्रमुख चेहरा बने मनोज जरांगे पाटील ने हाल ही में चुनाव से माघारी लेने का ऐलान किया, जिसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि दलित और मुस्लिम समुदायों ने उनके पास अपने उम्मीदवारों की सूची नहीं दी। हालांकि, इस बयान पर अब राजरत्न आंबेडकर ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए जरांगे के आरोपों को खारिज कर दिया है।
जरांगे के दावे पर आंबेडकर का पलटवार
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के वंशज और सामाजिक नेता राजरत्न आंबेडकर ने खुलासा किया कि उन्होंने चुनाव के लिए दलित और मुस्लिम उम्मीदवारों की सूची पहले ही जरांगे को दे दी थी। “जरांगे ने जो कारण दिया है, वह पूरी तरह से झूठा और निराधार है। हमनें कुछ दिन पहले ही उम्मीदवारों की सूची उनके पास पहुंचा दी थी। जरांगे लोगों को भ्रमित कर रहे हैं,” आंबेडकर ने कहा।
समर्थकों की उम्मीदों पर पानी
राजरत्न आंबेडकर ने कहा कि जरांगे के अचानक माघारी लेने से उन समर्थकों को बड़ा झटका लगा है, जिन्होंने इस चुनाव के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने बताया कि कई लोगों ने अपनी जमीनें बेच दीं और नौकरियां छोड़ दीं ताकि वे चुनाव की तैयारी कर सकें। “जरांगे ने अपने कदम से इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यह फैसला उन्हें मुश्किल में डाल रहा है।”
जरांगे की बातों में विरोधाभास
आंबेडकर ने जरांगे के इस कदम को भ्रामक बताया और कहा कि वह समय बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जरांगे को लोगों की भावनाओं के साथ खेलना बंद करना चाहिए। उन्होंने एक झूठा कारण देकर माघारी ली और अब इसे सही साबित करने के लिए गलत तथ्य पेश कर रहे हैं।”
जरांगे के संघर्ष के दौरान आंबेडकर का समर्थन
राजरत्न आंबेडकर ने याद दिलाया कि कैसे उन्होंने जरांगे के मराठा आरक्षण आंदोलन का समर्थन किया था। आंबेडकर ने खुद आंतरवाली सराटी जाकर जरांगे से मुलाकात की थी और उनके संघर्ष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी। उन्होंने जरांगे की बिगड़ती सेहत के दौरान उनके प्रति सहानुभूति भी व्यक्त की थी और इस मुद्दे पर एकजुटता का संकल्प जताया था।
आने वाले चुनावों में स्थिति और कठोर हो सकती है
आंबेडकर ने चेतावनी दी कि अगर जरांगे का यह रुख जारी रहता है, तो आने वाले चुनावों में यह विवाद और गहरा सकता है। उन्होंने कहा, “जरांगे के कारण अगर मराठा और दलित समुदायों के बीच गलतफहमी उत्पन्न होती है, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों को चुनाव प्रचार का मौका न मिले।”
समर्थकों से अपील
राजरत्न आंबेडकर ने मराठा और दलित समुदाय के लोगों से संयम बरतने और तथ्यों को सही से समझने की अपील की। उन्होंने कहा कि जरांगे के इस कदम से जुड़े तथ्यों को जानना जरूरी है ताकि कोई भी गलतफहमी से प्रभावित न हो।
इस तकरार के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मची हुई है। मनोज जरांगे पाटील और राजरत्न आंबेडकर के बीच बढ़ते मतभेद आने वाले दिनों में मराठा आरक्षण आंदोलन और चुनावी समीकरणों पर गहरा असर डाल सकते हैं।