महाराष्ट्र चुनाव: आज से गरजेंगे पीएम मोदी, एक हफ्ते में करेंगे नौ रैलियों का महाअभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को उत्तर महाराष्ट्र के धुले से अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। राज्य में आगामी 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों को लेकर भाजपा ने बड़ी तैयारियाँ की हैं। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी एक सप्ताह में कुल नौ रैलियों को संबोधित करेंगे और 12 नवंबर को पुणे में एक रोड शो में भी हिस्सा लेंगे।
पीएम मोदी का चुनावी कार्यक्रम
राज्य भाजपा की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को दोपहर 12 बजे धुले में अपनी पहली रैली करेंगे। इसके बाद वह दोपहर दो बजे नासिक में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी की अगली रैलियां नौ नवंबर को होंगी, जिसमें वह दोपहर 12 बजे अकोला और दोपहर दो बजे नांदेड़ में चुनावी जनसभा करेंगे। इसके बाद 12 नवंबर को प्रधानमंत्री चिमूर और सोलापुर में रैलियों को संबोधित करेंगे। उसी दिन शाम को वह पुणे में एक रोड शो में भाग लेंगे।
पीएम मोदी 14 नवंबर को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर, रायगढ़ और मुंबई में भी विशाल रैलियों को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री की इन रैलियों से भाजपा को राज्य में चुनावी माहौल में अपनी पकड़ मजबूत करने की उम्मीद है।
अजित पवार का बयान: बारामती में पीएम की रैली नहीं, पारिवारिक संघर्ष का हवाला
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने बारामती निर्वाचन क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी की रैली न कराने का अनुरोध किया है। अजित पवार ने कहा कि बारामती में लड़ाई उनके परिवार के भीतर की है, क्योंकि वह अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं, जो शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के उम्मीदवार हैं। अजित पवार ने स्पष्ट किया कि परिवारिक संघर्ष के कारण उन्होंने पीएम मोदी की रैली से परहेज किया है।
राकांपा नेताओं की रैलियों पर सवाल
अजित पवार से यह भी पूछा गया कि एनसीपी के अन्य उम्मीदवार अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं जैसे अमित शाह की रैलियाँ नहीं चाहते हैं। अजित पवार ने इसके पीछे चुनावी खर्च की सीमा और प्रचार के लिए कम समय को कारण बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए बहुत कम समय बचा है और हो सकता है कि खर्च की सीमा के कारण भी रैलियों की संख्या सीमित हो रही है।
चुनावी माहौल और असर
पीएम मोदी की रैलियों से भाजपा महाराष्ट्र में मतदाताओं को अपने पक्ष में मोड़ने का प्रयास करेगी, वहीं अजित पवार का बारामती में प्रधानमंत्री की रैली न करवाने का निर्णय पारिवारिक लड़ाई की तरफ संकेत करता है। महाराष्ट्र की राजनीति में पारिवारिक संघर्ष और भाजपा-एनसीपी के बीच गहराते विरोध को देखते हुए इन रैलियों का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।