चुनाव प्रचार में ध्रुवीकरण की राजनीति: योगी आदित्यनाथ का महाराष्ट्र और झारखंड में ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे पर जोर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अभियान पूरी तरह से हिंदू मतदाताओं को भाजपा की ओर आकर्षित करने पर केंद्रित है। अपने भाषणों में आदित्यनाथ ने मुसलमानों के प्रति आक्रामक रुख अपनाते हुए उन्हें “पत्थरबाज” कहकर संबोधित किया और दावा किया कि यदि भाजपा सत्ता में नहीं आई, तो हिंदू त्योहारों पर रुकावटें और समुदायों में “विभाजनकारी” तत्व सक्रिय रहेंगे। उन्होंने अपने मशहूर नारे ‘बंटोगे तो कटोगे’ का जोर-शोर से इस्तेमाल करते हुए एकजुट हिंदू शक्ति की अपील की।
झारखंड में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का मुद्दा
झारखंड के जमशेदपुर में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सरकार पर बांग्लादेशियों और रोहिंग्या लोगों को देश में घुसपैठ की अनुमति देने का आरोप लगाया, जिससे जनसांख्यिकीय संतुलन में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसी समस्याएं भी इसी साजिश का हिस्सा हैं। आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि भाजपा को सत्ता में लाकर ही इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में धार्मिक मुद्दों का जिक्र
महाराष्ट्र में आदित्यनाथ ने अपने ध्रुवीकरण वाले नारे ‘एक रहोगे तो नेक रहोगे, सुरक्षित रहोगे. बंटे थे तो कटे थे’ को बार-बार दोहराते हुए हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए इसे “शुरुआत” करार दिया और कहा कि अब काशी और मथुरा की ओर बढ़ने का समय आ गया है। अमरावती के टेओसा में आदित्यनाथ ने मराठा शासक छत्रपति शिवाजी का उदाहरण देकर हिंदुओं से एकजुट रहने की अपील की।
बुलडोजर कार्रवाई का गुणगान
योगी आदित्यनाथ ने यूपी में अपनी बुलडोजर नीति की भी प्रशंसा की, जिसका प्रयोग उन्होंने माफिया तत्वों और कथित “पत्थरबाजों” के खिलाफ किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस नीति से प्रदेश में शोभा यात्राओं के दौरान पथराव की घटनाओं पर नियंत्रण पाया है। आदित्यनाथ ने कहा, “ये पत्थरबाज पहले कश्मीर में भी थे, लेकिन अब सभी ‘राम नाम सत्य’ की यात्रा पर हैं। 2017 से पहले यूपी में माफिया सीना तानकर चलते थे, लेकिन आज या तो वे यूपी छोड़ चुके हैं या जेल में हैं।”
धार्मिक स्थलों पर विवाद के संदर्भ
आदित्यनाथ ने अपने भाषणों में वाराणसी और मथुरा में चल रहे मुगलकालीन मस्जिदों से जुड़े कानूनी विवादों का भी संदर्भ दिया और संकेत दिया कि इन मामलों में भी “हिंदू अधिकारों” की जीत होगी। उन्होंने कहा, “राम मंदिर तो बस एक शुरुआत थी। काशी और मथुरा भी इसी मार्ग पर बढ़ रहे हैं।”
चुनावी ध्रुवीकरण का बढ़ता असर
योगी आदित्यनाथ का यह ध्रुवीकरण वाला रुख भाजपा के चुनावी अभियान का मुख्य हिस्सा बन गया है। उनकी अपील का उद्देश्य हिंदुओं को एकजुट करना है ताकि वे धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर भाजपा के पक्ष में मतदान करें।