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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: उद्धव ठाकरे का आरोप – मोदी-शाह बना रहे हिंदू-मुस्लिम के बीच दरार

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। यवतमाल जिले के वाणी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि “महाराष्ट्र में केवल ‘हिंदू हृदय सम्राट’ बाला साहेब ठाकरे की चलती है, मोदी की गारंटी यहां काम नहीं करती है।”

ठाकरे का मोदी-शाह पर आरोप

उद्धव ठाकरे ने चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के “कटेंगे तो बटेंगे” जैसे नारों पर निशाना साधा। ठाकरे का कहना है कि इस तरह के नारे लगाकर भाजपा नेताओं द्वारा धार्मिक विभाजन की कोशिश की जा रही है। ठाकरे ने कहा, “मुझे मोदी और शाह की रैलियों से कोई समस्या नहीं है, लेकिन जिस तरह से वे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दूरी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, वह महाराष्ट्र की संस्कृति के खिलाफ है।”

उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी पर मणिपुर में हिंसा के मुद्दे को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हो रही हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। ठाकरे ने कटाक्ष करते हुए कहा, “मणिपुर जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस राज्य का दौरा करना जरूरी नहीं समझा।”

अनुच्छेद 370 का चुनावी रैलियों में जिक्र – उद्धव का कटाक्ष

ठाकरे ने अमित शाह पर भी कटाक्ष किया और कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव में अनुच्छेद 370 के मुद्दे का कोई महत्व नहीं है। अनुच्छेद 370, जिसे 2019 में जम्मू-कश्मीर से हटाया गया था, के बारे में बात करने से महाराष्ट्र के किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। उद्धव ने कहा, “अमित शाह जी, अनुच्छेद 370 का महाराष्ट्र के किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। इस मुद्दे का जिक्र करने से न तो सोयाबीन और कपास की कीमत बढ़ेगी, न ही कोयला उद्योग में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।”

ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के किसान लगातार कृषि संकट से जूझ रहे हैं और भाजपा का अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों को उठाना केवल जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास है।

एमवीए बनाम महायुति: महाराष्ट्र में बढ़ी सियासी सरगर्मी

महाराष्ट्र में इस बार चुनावी मुकाबला महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति के बीच है। एमवीए में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी – एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं। वहीं, महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे, और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।

इस बार के चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। बीजेपी नेताओं ने एमवीए पर जातिगत विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाल की अपनी रैली में कांग्रेस पर अनुसूचित जाति, आदिवासियों और ओबीसी समुदाय के लोगों को बांटने की साजिश रचने का आरोप लगाया। मोदी ने इस दौरान पिछड़ा वर्गों के बीच एकता का आह्वान किया और “एक हैं तो सेफ हैं” का नारा भी दिया।

योगी आदित्यनाथ का विवादित बयान – “बटेंगे तो कटेंगे”

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के संदर्भ में “बटेंगे तो कटेंगे” का नारा दिया था। यह नारा बीजेपी की चुनावी रैलियों में सांप्रदायिक विभाजन के आरोपों को और बढ़ावा देता है। उद्धव ठाकरे ने इसे भी कटाक्ष का विषय बनाया और भाजपा की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े किए।

ठाकरे का संदेश – महाराष्ट्र में चलेगी बाला साहेब की विचारधारा

ठाकरे ने अपने भाषण में बार-बार यह स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा और उनकी विरासत आज भी कायम है। ठाकरे का कहना है कि महाराष्ट्र की जनता भाजपा के विभाजनकारी प्रचार से प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की सत्ता का इस्तेमाल करते हुए भाजपा जनता को गुमराह कर रही है, लेकिन महाराष्ट्र की जनता अपनी परंपराओं को बरकरार रखते हुए सही निर्णय लेगी।

महाराष्ट्र के चुनावों में क्या होगा असर?

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भाजपा और एमवीए के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस बार के चुनाव में भाजपा, एमवीए के विरोध में सांप्रदायिक मुद्दों और राष्ट्रीय सुरक्षा के विषयों को जोर-शोर से उठा रही है। वहीं, एमवीए किसानों, महिलाओं की सुरक्षा, मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों को प्रमुखता दे रही है। ठाकरे और अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि राज्य की जनता भाजपा की रणनीतियों से प्रभावित होने की बजाय जमीनी मुद्दों पर ध्यान देगी।

इस चुनाव में देखना होगा कि महाराष्ट्र की जनता किसे समर्थन देती है। 20 नवंबर को होने वाले इस मतदान में यह साफ हो जाएगा कि जनता ने किसे चुना, और किसके विकास के वादों पर विश्वास किया।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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