संभाजी महाराज के हत्यारे में मसीहा देखने वाले कौन?’ PM मोदी का कांग्रेस पर सीधा सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले छत्रपति संभाजीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष और खासकर कांग्रेस पर तीखे आरोप लगाए। मराठा गौरव, संभाजी महाराज, और आरक्षण जैसे मुद्दों को उठाते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर महाराष्ट्र के इतिहास और मराठा समुदाय की विरासत का अपमान करने का आरोप लगाया।
संभाजी महाराज का मुद्दा:
रैली में पीएम मोदी ने सबसे पहले मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मराठा योद्धाओं का नाम लेकर महाराष्ट्र के गौरव को संजोना हर भारतीय का कर्तव्य है। संभाजी महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे, जिन्हें मुगल बादशाह औरंगजेब ने बड़ी क्रूरता से मार डाला था। पीएम मोदी ने कहा, “विपक्ष को संभाजी महाराज के नाम से परेशानी है। वे मराठा प्रतीकों को सम्मान नहीं देते और जो उन्हें मारने वाले थे, उन व्यक्तियों में अपना मसीहा देखते हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ऐसे लोग महाराष्ट्र और मराठा गौरव के साथ खड़े हो सकते हैं? पीएम मोदी ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता कभी उन लोगों को स्वीकार नहीं करेगी जो इस गौरवपूर्ण इतिहास और पहचान का अपमान करते हैं। मराठा गौरव के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल मराठा समुदाय के प्रतीकों का सम्मान करने में विफल रहे हैं।
आरक्षण पर कांग्रेस की नीति की आलोचना:
मराठा गौरव के बाद, पीएम मोदी ने आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी ऐतिहासिक रूप से आरक्षण के खिलाफ रही है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस केवल सत्ता पाने के लिए विभाजन की राजनीति करती है और हमेशा विकास की बजाय जाति और समुदाय के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करती रही है।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में दावा किया, “कांग्रेस ने हमेशा आरक्षण का विरोध किया है। वे इसे देश और योग्यता के खिलाफ मानते थे। आज इंटरनेट पर उनके पुराने विज्ञापन वायरल हो रहे हैं, जो उनकी असल सोच को दर्शाते हैं।” उन्होंने कहा कि यह मानसिकता अभी भी कांग्रेस में बनी हुई है और उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लिए ओबीसी समुदाय से एक प्रधानमंत्री का होना स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस आज भी इसी मानसिकता के साथ काम कर रही है। पिछले 10 वर्षों से, उनके लिए ओबीसी समुदाय से एक प्रधानमंत्री को बर्दाश्त करना मुश्किल है।” पीएम मोदी ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि उनके लिए आरक्षण सिर्फ चुनावी हथकंडा है, जबकि उनकी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
विकास और विभाजन की राजनीति पर निशाना:
पीएम मोदी ने अपने भाषण में विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगी दल सत्ता पाने के लिए समाज को विभाजित करने की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और विपक्ष की नीति हमेशा से समाज को बांटकर राजनीति करने की रही है। वे विकास में नहीं, बल्कि केवल विभाजन में विश्वास करते हैं।” उन्होंने कांग्रेस की पिछली नीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में जाति और धर्म के नाम पर राजनीति की गई, जबकि उनकी सरकार ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर हर वर्ग के लिए काम किया है।
पीएम मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने सभी के लिए राशन, आवास और सिलेंडर जैसी सुविधाएं बिना किसी भेदभाव के दी हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी उनकी सरकार का ध्यान केवल विकास पर है और जाति या धर्म के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया गया।
चुनाव से पहले संदेश:
चुनावी रैली में पीएम मोदी ने अपने भाषण के जरिए मराठा समुदाय, ओबीसी वर्ग, और समाज के सभी तबकों को संदेश देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भाजपा का ध्यान विकास और सम्मान पर है और उनकी सरकार राज्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मराठा गौरव के मुद्दे और आरक्षण की नीति पर पीएम मोदी के इस बयान ने महाराष्ट्र की जनता को एक स्पष्ट संदेश दिया कि भाजपा राज्य के सम्मान और विकास को सर्वोपरि मानती है।
पीएम मोदी का यह भाषण चुनावी माहौल में खासा प्रभावी रहा, जिससे राज्य में भाजपा की स्थिति को मजबूती मिल सकती है। मराठा गौरव और आरक्षण के मुद्दों पर कांग्रेस और विपक्ष की आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने भाजपा को जनता के हितैषी के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया, जो राज्य में सत्ता हासिल करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।