उद्धव ठाकरे का आरोप: “अब्दुल सत्तार ने सरकारी जमीनें हड़पीं, सत्ता में आए तो करेंगे जांच
महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों के बीच प्रचार और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने बीजेपी की संस्कृति और उनके द्वारा समर्थित उम्मीदवारों पर सवाल खड़े किए।
अब्दुल सत्तार के खिलाफ आरोप
उद्धव ठाकरे ने सीधे तौर पर शिंदे गुट के नेता और सिल्लोड से मौजूदा विधायक अब्दुल सत्तार पर निशाना साधा। उन्होंने सत्तार द्वारा एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, “क्या ऐसे व्यक्तियों का समर्थन करना ही बीजेपी की संस्कृति है?”
उद्धव ने सत्तार पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सत्तार और उनके रिश्तेदारों ने सिल्लोड और सोयगांव में सरकारी भूखंडों पर कब्जा किया है। ठाकरे ने वादा किया कि सत्ता में आने पर इन मामलों की जांच करवाई जाएगी।
प्रधानमंत्री की रैली पर टिप्पणी
उद्धव ठाकरे ने यह भी दावा किया कि मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में मुस्लिम महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने इसे बीजेपी की राजनीति और विचारधारा पर एक गंभीर टिप्पणी के रूप में पेश किया।
कर्नाटक चुनाव का उदाहरण
ठाकरे ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव का संदर्भ देते हुए कहा कि बीजेपी ने वहां भी प्रज्वल रेवन्ना जैसे विवादित नेताओं के लिए प्रचार किया, जिन पर यौन शोषण के आरोप हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह बीजेपी की आदत बन गई है कि वह विवादित छवि वाले नेताओं का समर्थन करे।
सत्तार का समर्थन और विपक्ष की रणनीति
सिल्लोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अब्दुल सत्तार के लिए प्रचार करने को ठाकरे ने सीधे बीजेपी की संस्कृति से जोड़ा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग सत्तार जैसे नेताओं से इस क्षेत्र को मुक्त कराएं।
चुनाव की तैयारियां और राजनीतिक समीकरण
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) और महायुति (बीजेपी, शिंदे गुट, और अजित पवार गुट) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
महायुति के समर्थन में बीजेपी ने पीएम मोदी को उतारकर अपनी रणनीति को और मजबूत करने की कोशिश की है, जबकि उद्धव ठाकरे अपने गठबंधन की ओर से भ्रष्टाचार और नैतिकता के मुद्दे पर हमलावर बने हुए हैं।
चुनाव प्रचार के इस दौर में बीजेपी और शिवसेना (यूबीटी) के बीच बयानबाजी ने गर्म माहौल पैदा कर दिया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं और जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि महाराष्ट्र के मतदाता किसके पक्ष में फैसला करते हैं।