बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने उगला ज़हर: दरगाहों में जिहादी दफन, मंदिरों में प्रवेश से पहले “मजहबी टेस्ट” होना चाहिए
उत्तर प्रदेश में बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने चुनावी माहौल में ऐसा बयान दिया है जिसने राजनीतिक हलचल मचा दी है। विधायक गुर्जर ने कहा कि मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति की मजहबी पहचान की जांच होनी चाहिए। उसने यह भी सुझाव दिया कि मंदिरों में प्रवेश से पहले “मजहबी टेस्ट” होना चाहिए, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि आने वाले व्यक्ति का खतना हुआ है या नहीं। उनके मुताबिक, इस तरह की जांच से यह स्पष्ट हो सकेगा कि मंदिर में प्रवेश करने वाला व्यक्ति किस मजहब से संबंध रखता है।
गुर्जर का बयान एक शादी समारोह के दौरान आया, जहां मीडिया से बात करते हुए उसने इस मुद्दे को उठाया। उसके बयान में विशेष तौर पर ‘खतना’ की जांच और मंत्र पढ़वाकर धार्मिक पहचान सुनिश्चित करने का जिक्र किया गया। यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसकी आलोचना भी होने लगी है।
मुस्लिम धर्मगुरुओं और थूक-मूत्र जिहाद पर भी भौंका गुर्जर
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने मुस्लिम समाज पर भी विवादास्पद टिप्पणी की। उसने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु “थूक और मूत्र जिहाद” जैसी बड़ी साजिशों पर चुप्पी साधे रहते हैं। उसके अनुसार, मुस्लिम धर्मगुरु ऐसी साजिशों के बारे में खुलकर नहीं बोलते, जो कि हिंदू समाज के लिए चिंता का विषय है।
गुर्जर ने कहा कि मुस्लिम समाज के कुछ लोग भी हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, और वे चाहते हैं कि भविष्य में मुस्लिम मौलवी भी जलाभिषेक जैसे हिंदू अनुष्ठान में भाग लें। उसका मानना है कि इससे भारत में सनातन धर्म और मजबूत होगा।
प्रयागराज महाकुंभ में मुस्लिमों के स्टॉल पर प्रतिबंध की वकालत
गुर्जर ने प्रयागराज महाकुंभ में मुस्लिम दुकानदारों को स्टॉल लगाने पर भी प्रतिबंध की वकालत की है। उसके मुताबिक, धार्मिक आयोजनों में मुस्लिमों के स्टॉल नहीं होने चाहिए। उसने कहा कि दरगाहों पर जाने वाले हिंदुओं को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि मजारों में ऐसे “जिहादी” दफन हैं, जिन्होंने इतिहास में महिलाओं पर अत्याचार किए हैं।
गुर्जर का कहना है कि हिंदू समाज को अपने धार्मिक आयोजनों में बाहरी प्रभाव से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। उनका मानना है कि हिंदुओं को दरगाह पर जाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह उनके धार्मिक हितों के खिलाफ है।
सियासी प्रतिक्रियाएं और विवाद बढ़ने की संभावना
विधायक नंद किशोर गुर्जर के इस बयान पर अलग-अलग राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कई नेताओं ने इसे धार्मिक आधार पर समाज को बांटने वाला बयान करार दिया है और विधायक के इस बयान पर भाजपा को सफाई देने की मांग की है।
गुर्जर के बयान से भाजपा की छवि पर असर पड़ने की आशंका है, खासकर जब पार्टी समावेशी विचारधारा की बात करती है। वहीं, समर्थकों का कहना है कि गुर्जर ने जो बयान दिया है वह समाज की सुरक्षा और सनातन धर्म के हितों को ध्यान में रखते हुए दिया है।
इस बयान के बाद चुनावी माहौल में राजनीतिक बयानबाजी और भी बढ़ सकती है, और इस मुद्दे पर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ने की संभावना है।