औरंगाबाद पूर्व में असदुद्दीन ओवैसी का तीखा हमला: भाजपा, शिंदे सरकार और महाविकास अघाड़ी पर आरोप
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में, औरंगाबाद ईस्ट सीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जनता को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों पर तीखा हमला किया। 20 नवंबर को होने वाले मतदान और 23 नवंबर को आने वाले नतीजों से पहले, ओवैसी ने भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), महाविकास अघाड़ी और कांग्रेस पर निशाना साधा।
महंगाई और गरीबों के मुद्दे पर सरकार को घेरा
अपने भाषण में ओवैसी ने महंगाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा,
“जब आप प्रधानमंत्री बने थे, तब चावल 30 रुपये किलो था, जो आज 72 रुपये हो गया है। आटा 20 रुपये से बढ़कर 45 रुपये हो गया, और नमक 12 रुपये से 25 रुपये हो गया। गरीबों के घरों का बजट पूरी तरह से बर्बाद हो गया है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार गरीबों को 1500 रुपये देकर मदद का दिखावा करती है, जबकि महंगाई के जरिए 1900 रुपये उनसे छीन लेती है।
मुस्लिम और महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा
ओवैसी ने महाराष्ट्र में मुस्लिमों पर हो रहे हमलों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार और भाजपा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“महाराष्ट्र की महिलाओं की सुरक्षा, मराठा आरक्षण और मुस्लिमों पर हो रहे हमले जैसे गंभीर मुद्दों पर कोई बात नहीं करता। हाल ही में एक 70 साल के बुजुर्ग को ट्रेन में मारा गया। यह सब कहां जा रहा है?”
उन्होंने मराठा आरक्षण पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया और इसे जनता के साथ धोखा करार दिया।
महाविकास अघाड़ी पर निशाना
ओवैसी ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) पर भी तीखे सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की रणनीति केवल एआईएमआईएम को हराने की है, न कि भाजपा को। उन्होंने कहा,
“औरंगाबाद ईस्ट में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों ही अलग-अलग लड़ रहे हैं। मालेगांव में भी यही हाल है। इनकी कोई ठोस योजना नहीं है। इनका एकमात्र उद्देश्य मजलिस को हराना है, क्योंकि ये जानते हैं कि अगर मजलिस 2 सीट भी जीत गई, तो ये पूरे 288 सीटों पर भारी पड़ेंगे।”
लोकसभा चुनाव और इम्तियाज जलील का जिक्र
ओवैसी ने 2019 लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा, आरएसएस और शिंदे गुट ने मिलकर एआईएमआईएम के नेता इम्तियाज जलील को हराने के लिए साजिश रची। उन्होंने कहा,
“इन्हीं सब की वजह से मैंने अपने मजबूत साथी को खो दिया। औरंगाबाद से इम्तियाज जलील की जीत को रोका गया। यह चुनावी गठजोड़ मजलिस को कमजोर करने के लिए है।”
जनता से अपील और सरकार पर सवाल
अंत में, ओवैसी ने जनता से अपील करते हुए कहा,
“यह तय करना आप पर है कि महाराष्ट्र में कौन ‘नमक हलाली’ कर रहा है और कौन ‘नमक हरामी।’ यह आपकी जिम्मेदारी है कि 20 तारीख को मतदान करके इन धोखेबाज सरकारों को सबक सिखाएं।”
चुनाव का महत्व
औरंगाबाद ईस्ट सीट पर एआईएमआईएम का प्रभाव क्षेत्र रहा है, लेकिन कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) के गठजोड़ से मुकाबला कठिन है। ओवैसी का यह भाषण न केवल एआईएमआईएम के आधार को मजबूत करने का प्रयास था, बल्कि विपक्षी पार्टियों की रणनीति और राज्य की मौजूदा सरकार पर गंभीर सवाल खड़ा करने वाला भी था। 20 नवंबर को इस सीट पर होने वाला मतदान यह तय करेगा कि ओवैसी की यह अपील जनता तक कितनी प्रभावी साबित हुई।