औरंगाबाद में उद्धव ठाकरे का भावुक भाषण: चुनावी संघर्ष और शिवसेना का भविष्य
गुरुवार को शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषण में पार्टी की मौजूदा चुनौतियों और आगामी चुनावों के लिए जनता से समर्थन की अपील करते हुए एक भावुक वक्तव्य दिया। उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार को याद करते हुए कहा, “मोदी और शाह मुझे घर पर नहीं बैठा सकते, लेकिन अगर आप, मेरे समर्थक, मेरा साथ छोड़ देंगे, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।”
औरंगाबाद: शिवसेना का मजबूत गढ़ और चुनौतीपूर्ण हालात
औरंगाबाद शिवसेना का ऐतिहासिक गढ़ रहा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने इस क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों पर मिलकर जीत हासिल की थी।
हालांकि, शिवसेना में विभाजन के बाद हालात बदल गए। ठाकरे ने इस क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों – पैठण, सिल्लोड, औरंगाबाद मध्य, औरंगाबाद पश्चिम, और वैजापुर – को फिर से जीतने की चुनौती को स्वीकार किया है।
शिवसेना UBT को अपने पुराने सहयोगी भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का सामना करना पड़ रहा है। ठाकरे ने भाजपा और शिंदे गुट पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे “धोखेबाज और सत्ता के भूखे” हैं, जिन्होंने पार्टी के आदर्शों को दरकिनार कर दिया।
2019 का चुनावी परिदृश्य और मौजूदा संघर्ष
2019 में, शिवसेना के विद्रोही नेताओं ने ठाकरे के खिलाफ बगावत कर शिंदे के गुट का साथ दिया। इनमें से कई नेता अब प्रमुख विधानसभा सीटों पर शिवसेना UBT के खिलाफ खड़े हैं।
- सिल्लोड: मंत्री अब्दुल सत्तार का मुकाबला शिवसेना UBT के सुरेश बनकर से है।
- औरंगाबाद पश्चिम: संजय शिरसाट के खिलाफ राजू शिंदे मैदान में हैं।
- वैजापुर: रमेश बोरनाले के सामने दिनेश परदेशी को उतारा गया है।
- पैठण: लोकसभा सांसद संदीपन भुमरे के बेटे विलास भुमरे के खिलाफ दत्ता गोर्डे चुनाव लड़ रहे हैं।
लोकसभा की हार पर ठाकरे की प्रतिक्रिया
उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव में हार के संदर्भ में अपने दर्द को साझा करते हुए कहा, “इस शहर के लोगों ने ऐसे व्यक्ति को वोट दिया, जिसने पार्टी की पीठ में छुरा घोंपा। यह मेरे लिए स्वीकार करना मुश्किल है।”
यह टिप्पणी सीधे तौर पर उन नेताओं पर थी जिन्होंने पार्टी छोड़कर शिंदे का समर्थन किया और भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया।
मराठा आंदोलन और नई संभावनाएं
क्षेत्र में मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन और सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे-पाटिल के नेतृत्व में उठी नई लहर ने आगामी चुनावों में नए समीकरण बना दिए हैं। ठाकरे ने इस मुद्दे को जनभावनाओं से जोड़ने की कोशिश की है।
ठाकरे की अपील और पार्टी का भविष्य
औरंगाबाद में अपने समर्थकों से भावुक अपील करते हुए ठाकरे ने कहा, “मैं आपसे बस एक बार समर्थन मांग रहा हूं। अगर आप मेरे साथ खड़े रहे, तो हम दोबारा जीत का परचम लहराएंगे।”
शिवसेना (UBT) के सामने इस बार न केवल भाजपा और शिंदे गुट की चुनौती है, बल्कि उसे अपने आधार को फिर से स्थापित करने का संघर्ष भी करना पड़ रहा है। आगामी चुनाव न केवल ठाकरे के राजनीतिक भविष्य बल्कि पार्टी की पहचान और अस्तित्व के लिए भी निर्णायक साबित होंगे।