“बांटोगे तो कटोगे”: खान एजाज़ अहमद का विभाजनकारी राजनीति पर तीखा प्रहार, विकास और भाईचारे की राजनीति पर दिया जोर
विधानसभा चुनाव के दौरान समाज को विभाजित करने वाली राजनीति पर तीखा हमला करते हुए खान एजाज़ अहमद ने नेताओं के तौर-तरीकों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अपने बयान में उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीति में नेताओं ने चुनाव जीतने के लिए सभी सीमाएं पार कर दी हैं। खान एजाज़ अहमद ने नया नारा दिया, “बांटोगे तो कटोगे”, जो जनता के बीच तेजी से गूंज रहा है। उन्होंने कहा कि; जो जनता को आपस में बांटने की बात कर रहे है, देखना जनता उन्हें खुद इस चुनाव में काटते हुए सबक सिखाएंगी।
विभाजनकारी राजनीति पर सवाल
खान एजाज़ अहमद ने मौजूदा नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे चुनाव जीतने के लिए धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा:
“हर कोई हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने की बात कर रहा है। क्या बिना बांटे राजनीति संभव नहीं है? क्या विकास के मुद्दों पर चुनाव जीतना असंभव हो गया है? नेताओं ने केवल समाज में नफरत फैलाने का काम किया है।”
विकास को प्राथमिकता देने की अपील
खान ने विकास आधारित राजनीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा:
“राजनीति का उद्देश्य समाज को जोड़ना और तरक्की के रास्ते पर ले जाना होना चाहिए। अगर आपने विकास किया है, तो आप उसे जनता के सामने पेश करें और चुनाव लड़ें। लेकिन सच्चाई यह है कि विकास के नाम पर आपके पास कुछ नहीं है। आपने केवल जनता को आपस में लड़ाया है और नफरत फैलाई है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा राजनीति ने सामाजिक ताने-बाने को कमजोर किया है, और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
भाईचारा और मोहब्बत का संदेश
खान एजाज़ अहमद ने जनता से अपील की कि वे नफरत और विभाजन की राजनीति को नकारें। उन्होंने कहा:
“जनता को भाईचारा चाहिए, नफरत नहीं। हमें मोहब्बत और एकता की जरूरत है। चुनाव के दौरान समाज को बांटने की कोशिश करने वाले नेताओं को इस बार जनता सबक सिखाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि समाज में नफरत फैलाने वाले नेता केवल अपने स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हैं। चुनाव के बाद ये नेता जनता की समस्याओं की ओर कभी मुड़कर नहीं देखते।
राजनीति में बदलाव की जरूरत
खान ने कहा कि अब समय आ गया है कि राजनीति विकास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर हो। उन्होंने कहा:
“समाज अब जाग चुका है। अगर इस बार जनता ने बांटने वाले नेताओं को नकार दिया, तो यह भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय होगा। यह संदेश जाएगा कि अब नफरत की राजनीति नहीं चलेगी।”
जनता का गुस्सा और चुनाव की दिशा
खान के इस बयान के बाद, जनता के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इस बार चुनाव परिणाम विभाजनकारी राजनीति करने वाले नेताओं के लिए सबक साबित होंगे। उनके नारे “बांटोगे तो कटोगे” ने जनता के बीच गहरा प्रभाव छोड़ा है।
चुनावी राजनीति का भविष्य
इस बयान से यह स्पष्ट है कि जनता अब केवल विकास चाहती है। नफरत और समाज को बांटने वाले नेताओं के लिए यह चुनाव एक चेतावनी हो सकता है। खान एजाज़ अहमद के बयान ने राजनीति में नैतिकता और समाजिक जिम्मेदारी पर फिर से ध्यान केंद्रित कर दिया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव के नतीजे समाज में भाईचारे और विकास की राजनीति को कितनी प्राथमिकता देते हैं।