झांसी अस्पताल अग्निकांड: याकूब मंसूरी बने फरिश्ता, कई बच्चों की जान बचाई, अपनी जुड़वां बेटियों को खो दिया
उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात हुए दर्दनाक हादसे में 11 नवजात बच्चों की जान चली गई। अस्पताल के न्यूबॉर्न क्रिटिकल केयर यूनिट (एनआईसीयू) में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। घटना के समय एनआईसीयू में 54 बच्चे भर्ती थे। हादसे में 44 बच्चों को बचा लिया गया, लेकिन कई की जान नहीं बचाई जा सकी।
याकूब मंसूरी बना हीरो, अपनी बेटियों को नहीं बचा पाया
इस भयावह घटना के दौरान 20 वर्षीय याकूब मंसूरी ने अपनी जान की परवाह किए बिना आग की लपटों के बीच जाकर कई बच्चों को बचाया। हमीरपुर के रहने वाले याकूब फूड वेंडर हैं और बीते एक सप्ताह से अपनी जुड़वां नवजात बेटियों के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के बाहर रुके हुए थे।
जब आग लगी, तो याकूब ने खिड़की तोड़कर एनआईसीयू में प्रवेश किया और कई बच्चों को बाहर निकालने में मदद की। लेकिन इस जांबाज पिता की खुद की जुड़वां बेटियां इस हादसे में नहीं बच सकीं। उनकी बेटियों के शवों की पहचान अगले दिन की गई।
याकूब और उनकी पत्नी नज़मा इस हादसे के बाद सदमे में हैं। नज़मा ने कहा, “हमने अपनी बेटियों को बचाने की हर कोशिश की, लेकिन वो नहीं बच सकीं।”
घटना पर प्रशासन की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि 10 मृत बच्चों में से सात की पहचान हो चुकी है। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
परिजनों का गुस्सा और दर्द
घटना के बाद अस्पताल के बाहर परिजनों का गुस्सा और दुख साफ झलक रहा था। एक मां बिलखते हुए कहती दिखी, “मेरा बच्चा जलकर मर गया।” हृदयविदारक वीडियो और तस्वीरें इस हादसे की गंभीरता को बयां कर रही हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
झांसी मेडिकल कॉलेज की इस घटना ने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एनआईसीयू जैसी संवेदनशील जगह पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी इस हादसे का कारण बनी।
पीड़ित परिवारों को मदद का आश्वासन
सरकार ने मृत बच्चों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है। हालांकि, याकूब जैसे फरिश्ते की बहादुरी ने यह दिखा दिया कि इंसानियत हर हाल में जिंदा है, भले ही इस हादसे ने कई जिंदगियां छीन लीं।
इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।