महाराष्ट्र चुनाव: CM पद के दावेदार विनोद तावड़े बीजेपी के जाल में फंसे, फडणवीस के लिए रास्ता साफ!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में कुछ ही घंटे बाकी हैं, लेकिन चुनावी माहौल में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मुंबई के विरार इलाके में मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर वोटर्स को पैसे बांटने का आरोप लगा। चुनाव आयोग ने तावड़े और बीजेपी प्रत्याशी राजन नाइक के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
घटना का विवरण
मंगलवार दोपहर विरार के एक होटल में बहुजन विकास आघाड़ी (बीवीए) के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। उनका आरोप था कि बीजेपी नेता विनोद तावड़े होटल में पैसे बांट रहे थे। चुनाव आयोग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए होटल पर छापा मारा और मौके से ₹9 लाख कैश और कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए।
तावड़े और राजन नाइक पर एफआईआर
चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नालासोपारा पुलिस स्टेशन में विनोद तावड़े और बीजेपी प्रत्याशी राजन नाइक के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की एफआईआर दर्ज कराई।
शिवसेना (यूबीटी) और विपक्ष का तीखा हमला
इस घटना पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा,
“तावड़े पर गृह विभाग पहले से नजर बनाए हुए था। यह घटना दर्शाती है कि बीजेपी में अंदरूनी राजनीति चल रही है। शायद तावड़े को किसी बड़े पद से रोकने के लिए ही यह कदम उठाया गया है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के कई नेता चुनाव में वोटर्स को पैसे बांटने का काम कर रहे हैं।
राउत ने यह भी कहा कि इस विवाद के बाद महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की राह आसान हो गई है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी के भीतर कई नेता इस घटना से खुश होंगे।”
बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की रणनीति
विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाते हुए बीजेपी पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस, एनसीपी और अन्य दलों ने बीजेपी पर चुनाव जीतने के लिए अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
चुनाव पर असर
यह विवाद चुनाव के ठीक पहले बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। विपक्ष इसे जनता के बीच मुद्दा बनाकर बीजेपी की छवि पर चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
राजनीतिक बवंडर तेज
विरार कैश कांड ने महाराष्ट्र के चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव ला दिया है। अब देखना होगा कि इस घटना का असर वोटिंग और चुनाव परिणामों पर कितना पड़ता है।
क्या होगा आगे?
जांच एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। राजनीतिक बयानबाजी के बीच यह मामला आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति को और गर्मा सकता है।