सुप्रिया सुले का बीजेपी पर पलटवार, कहा- झूठे आरोपों पर बहस के लिए तैयार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी ने एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले पर बिटकॉइन के जरिए धनशोधन और चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑडियो क्लिप और सिग्नल चैट्स का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
क्या हैं बीजेपी के आरोप?
सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि ऑडियो रिकॉर्डिंग में सुप्रिया सुले और नाना पटोले की आवाज़ शामिल है, जिसमें कथित तौर पर बिटकॉइन को नकदी में बदलने और चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल करने की बात हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बातचीत में एक पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल भी शामिल हैं।
त्रिवेदी ने कहा, “एमवीए (महा विकास आघाड़ी) को चुनाव में अपनी हार स्पष्ट दिखाई दे रही है, इसलिए वे इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं।”
सुप्रिया सुले की प्रतिक्रिया
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए बीजेपी को तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा:
“यह बीजेपी की जानी-पहचानी रणनीति है। झूठी खबरें फैलाकर मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश हो रही है। मैंने इस मामले में चुनाव आयोग और साइबर अपराध विभाग में शिकायत दर्ज कराई है।“
सुले ने यह भी कहा कि उन्होंने पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार से जांच और न्याय की मांग की है। उनके अनुसार, “यह पूरा मामला साजिश है, और इसके पीछे की मंशा स्पष्ट है।”
मानहानि का नोटिस भेजा
सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपने वकील से चर्चा के बाद सुधांशु त्रिवेदी और अन्य संबंधित लोगों को आपराधिक मानहानि का नोटिस भेजा है। उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा, “मैं किसी भी मंच पर, किसी भी समय बहस करने के लिए तैयार हूं।”
पूर्व आईपीएस अधिकारी का नाम आया सामने
आरोपों में शामिल पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल पर भी सवाल उठ रहे हैं। सुले ने पाटिल को लेकर कहा, “यह वही अधिकारी हैं, जो दो साल जेल में रह चुके हैं। उनके द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।”
सोशल मीडिया पर पलटवार
सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने लिखा:
“चुनाव से ठीक पहले इस तरह के झूठे आरोप लगाना बीजेपी की रणनीति है। यह धार्मिक मतदाताओं को गुमराह करने और वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास है।”
एमवीए और बीजेपी के बीच बढ़ी खींचतान
इस मुद्दे ने महाराष्ट्र में पहले से गर्म राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। महा विकास आघाड़ी ने इसे बीजेपी की चुनावी रणनीति बताते हुए जोरदार पलटवार किया है। कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने का प्रयास है।
आगे की कार्रवाई
सुप्रिया सुले ने इस मामले की जांच की मांग की है और कहा है कि वह इसे न्यायालय तक ले जाएंगी। वहीं, बीजेपी ने इस मामले में विस्तृत जांच की मांग करते हुए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने की अपील की है।
क्या है सच्चाई?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि जांच में इन आरोपों की सच्चाई सामने आती है या यह केवल चुनावी बयानबाजी बनकर रह जाती है।