बागेश्वर बाबा का बड़ा बयान: मस्जिद में कथा, हिंदू बेटियों के लिए तलवारबाजी और सनातन बोर्ड की वकालत
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन हिंदू एकता यात्रा को लेकर कई अहम बयान दिए हैं। उनके विचारों में हिंदू समाज को एकजुट करना, धर्म और संस्कृति की रक्षा करना, और देश में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना प्रमुख है। उन्होंने मुसलमानों और ईसाइयों को भी इस यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया। इसके अलावा, उन्होंने सनातन बोर्ड की स्थापना और हिंदू बेटियों को तलवारबाजी सिखाने जैसे सुझाव भी दिए हैं।
मस्जिद में कथा और पाकिस्तान में जाने की इच्छा
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने स्पष्ट किया कि यदि भारत के मुसलमान उन्हें सम्मानपूर्वक आमंत्रित करेंगे, तो वह मस्जिद में कथा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि धर्म और समाज को जोड़ने के लिए वह किसी भी मंच का उपयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान भी उन्हें बुलाता है, तो वह वहां भी कथा करने जाएंगे। उनका मानना है कि सनातन धर्म सभी के लिए है और इसे सीमाओं में बांधा नहीं जा सकता।
सनातन हिंदू एकता यात्रा का उद्देश्य
धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार, हिंदू समाज जाति, क्षेत्र और विचारधारा के आधार पर विभाजित हो चुका है। इस एकता यात्रा का उद्देश्य इन विभाजनों को खत्म कर पूरे हिंदू समाज को एक मंच पर लाना है। उन्होंने कहा कि जब तक हिंदू समाज एकजुट नहीं होगा, भारत विश्वगुरु नहीं बन पाएगा। उन्होंने बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में हिंदुओं की दयनीय स्थिति का हवाला देते हुए इस यात्रा की आवश्यकता पर बल दिया।
मुसलमानों और ईसाइयों को निमंत्रण
पंडित शास्त्री ने हिंदू एकता यात्रा में मुसलमानों और ईसाइयों को भी शामिल होने का निमंत्रण दिया। उनका कहना था कि यदि ये समुदाय भारत के उत्थान में योगदान देना चाहते हैं, तो उन्हें इस यात्रा का हिस्सा बनने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
सनातन बोर्ड की आवश्यकता
धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन बोर्ड की स्थापना का सुझाव दिया। उनका मानना है कि यह बोर्ड हिंदू समाज के लिए नियम बनाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में मददगार होगा। उन्होंने इज़राइल का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह इज़राइल अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है, वैसे ही भारत को भी अपनी संस्कृति और सनातन परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए।
हिंदू बेटियों को तलवारबाजी सिखाने का सुझाव
पंडित शास्त्री ने कहा कि स्कूलों में हिंदू बेटियों को तलवारबाजी और आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसे लव जिहाद जैसे मुद्दों से बचाव का जरिया बताया। साथ ही, उन्होंने मुस्लिम समुदाय से भी अपनी बेटियों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने की अपील की।
आदिवासी धर्म परिवर्तन और विवाह पर विचार
पंडित शास्त्री ने आदिवासी समाज को लेकर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज भारत के मूल निवासी हैं और उन्हें ‘आदिवासी’ के बजाय ‘अनादिवासी’ कहा जाना चाहिए। उन्होंने धर्म परिवर्तन की समस्या पर चिंता जताई और आदिवासी समाज की समस्याओं पर ध्यान देने की अपील की।
उन्होंने 108 आदिवासी बेटियों की शादी करवाने और दलित दूल्हों को घोड़े पर बैठाकर विवाह कराने का भी वादा किया। उनका मानना है कि यह कदम सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा।
धर्म और समाज को लेकर बड़े संदेश
धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुत्व को केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक समावेशी सांस्कृतिक परंपरा बताया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सभी को जोड़ने का काम करता है और इसमें सभी के लिए जगह है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान वर्तमान में देशभर में चर्चा का विषय बन चुके हैं। उनके विचार जहां हिंदू समाज की एकता को बढ़ावा देने की पहल हैं, वहीं अन्य समुदायों के प्रति उनका समावेशी दृष्टिकोण भी सकारात्मक संकेत देता है। उनके द्वारा प्रस्तावित सनातन बोर्ड और आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसे सुझाव देश में सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।