पति की मौत के सदमे में पत्नी ने उठाया बड़ा कदम, एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार
बीड : जिले के खामकरवाड़ी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पति की हृदयगति रुकने से मौत के बाद पत्नी इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने भी अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया, जिससे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
घटना का विवरण:
खामकरवाड़ी निवासी 48 वर्षीय शिक्षक कन्हैयालाल पांडुरंग खामकर शिरूर शहर में अपने परिवार के साथ रहते थे। कुछ समय पहले उनकी बायपास सर्जरी हुई थी। बीते दिनों वह अपने गांव खामकरवाड़ी लौटे थे। गुरुवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उन्हें शिरूर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
पति की मौत की खबर सुनते ही 42 वर्षीय पत्नी राहीताई खामकर पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। इस गहरे सदमे को सहन न कर पाते हुए उन्होंने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। सुबह छह बजे उनकी हालत बिगड़ी और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल जाते समय राहीताई ने कहा, “मुझे भी मेरे पति की चिता पर ही अग्नि दी जाए।” हालांकि, इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
गांव के श्मशान घाट में पति-पत्नी का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया। इस दुखद घटना ने गांववासियों और उपस्थित लोगों को गहरे शोक में डुबो दिया।
यह घटना पति-पत्नी के अटूट प्रेम और जीवन के प्रति असहनीय पीड़ा को दर्शाती है, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है।