शिंदे गुट के बयानों से बढ़ी सियासी हलचल, गठबंधन पर सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के नेता नवाब मलिक और शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय शिरसाट के बयानों ने संभावित गठबंधन और सत्ता समीकरणों को लेकर अटकलों को हवा दी है।
क्या चुनाव के बाद समीकरण बदलेंगे?
नवाब मलिक ने हाल ही में कहा था कि चुनाव परिणामों के बाद यह कहना मुश्किल होगा कि कौन किसके साथ जाएगा। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। वहीं, शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने एक टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान इस संभावना से इनकार नहीं किया कि अगर परिस्थितियां बदलीं, तो शिंदे गुट कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
जब उनसे पूछा गया कि अगर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद न मिला और उन्हें गौण भूमिका निभानी पड़ी, तो क्या शरद पवार के साथ गठबंधन संभव होगा? इस पर शिरसाट ने कहा, “एकनाथ शिंदे जो भी फैसला करेंगे, हम उनके साथ रहेंगे।”
गुटबाजी और होटल राजनीति पर प्रतिक्रिया
2022 में महाराष्ट्र की राजनीति में हुए बड़े उलटफेर के दौरान शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायकों को सूरत, गुवाहाटी और गोवा ले जाया गया था। इस बार चुनाव के बाद संभावित गुटबाजी पर पूछे गए सवाल पर संजय शिरसाट ने कहा, “हमें ऊटी या गुवाहाटी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस बार सभी विधायक मुंबई में रहेंगे।”
निर्दलीय विधायकों पर विशेष ध्यान
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार निर्दलीय विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। इस संदर्भ में शिरसाट ने कहा कि महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद है। लेकिन निर्दलीय विधायकों तक पहुंचना नियमित राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने संकेत दिए कि चुनाव के नतीजों के बाद निर्दलियों को मुंबई लाने के लिए हेलीकॉप्टर और विमान की व्यवस्था पहले से ही की जा रही है।
क्या बदलेंगे महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण?
चुनाव नतीजों से पहले इन बयानों ने संकेत दिया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव हो सकते हैं। हालांकि, सभी दल अभी अपने-अपने बहुमत के दावे कर रहे हैं, लेकिन नतीजे आने के बाद गठबंधन और समीकरणों का नया दौर देखने को मिल सकता है।