महाराष्ट्र चुनाव: बीजेपी की “रेवड़ी संस्कृति” बनी जीत का कारण?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी की बंपर जीत के पीछे महिलाओं को दी गई आर्थिक मदद, यानी “रेवड़ी संस्कृति,” एक बड़ा कारण बन रही है।
क्या है “रेवड़ी संस्कृति”?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने विपक्षी दलों पर “रेवड़ी संस्कृति” का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को मुफ्त सुविधाएं देकर वोट बटोरना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की मुफ्त बिजली, पानी और अन्य योजनाओं को बीजेपी ने इसी श्रेणी में रखा।
बीजेपी की अपनी “रेवड़ी”?
चुनाव से पहले बीजेपी ने “माझी लड़की बहिन” योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक लाभ दिया। दिवाली के मौके पर इस योजना की पांचवीं किस्त के रूप में 1500 की जगह 3000 रुपये करोड़ों महिलाओं के खातों में एडवांस में जमा किए गए। साथ ही, वादा किया गया कि सत्ता में लौटने पर इस राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया जाएगा।
महिलाओं ने निभाई अहम भूमिका
महाराष्ट्र चुनाव में महिलाओं की रिकॉर्ड वोटिंग देखी गई। राज्य में कुल 4.69 करोड़ महिला मतदाताओं में से 3 करोड़ से ज्यादा ने वोट डाले, जो बीजेपी की जीत का अहम कारण बना। सरकार का दावा है कि इस योजना का लाभ 2.40 करोड़ महिलाओं को मिला।
पहले भी अपनाया गया “रेवड़ी मॉडल”
महाराष्ट्र से पहले बीजेपी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी इसी तरह की योजनाओं का सहारा लिया। हालांकि, पार्टी इसे “जनकल्याणकारी योजना” कहती है।
सवाल उठते हैं:
बीजेपी विपक्षी दलों की योजनाओं को “रेवड़ी” कहकर आलोचना करती रही है, लेकिन जब वही रणनीति अपनाती है, तो इसे “योजना” क्यों कहा जाता है?
यह बहस जारी है कि “रेवड़ी” सिर्फ वोट बैंक की राजनीति है या फिर जरूरतमंदों की मदद का साधन।