सिल्लोड में अब्दुल सत्तार ने फिर रचा इतिहास, लगातार चौथी बार जीत दर्ज
कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सिल्लोड विधानसभा क्षेत्र में अब्दुल सत्तार ने अपनी पकड़ को और मजबूत कर लिया है। तीन बार जीत की हैट्रिक लगाने के बाद उन्होंने इस बार भी जीत दर्ज कर राजनीतिक दबदबा कायम रखा है। सिल्लोड, जो राजनीतिक रूप से एक अहम क्षेत्र माना जाता है, ने एक बार फिर सत्तार को समर्थन दिया।
सिल्लोड में चुनौतियों का सामना
2014 में अब्दुल सत्तार ने कांग्रेस के टिकट पर सिल्लोड से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। उस समय भाजपा ने उनके खिलाफ सुरेश बनकर को मैदान में उतारा था। 2019 में उन्होंने शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के माणिकराव पलोडकर से हुआ।
शिवसेना में विभाजन, महाविकास अघाड़ी के टूटने और एकनाथ शिंदे के भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने जैसी घटनाओं के बाद यह चुनाव अब्दुल सत्तार के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया था। शिवसेना में विभाजन के कारण सिल्लोड में मतों का बंटवारा उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया था।
स्थिरता का प्रतीक बने सत्तार
इन राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद, अब्दुल सत्तार ने सिल्लोड में लगातार चौथी बार जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि जनता का विश्वास अब भी उन पर कायम है। यह जीत उनके लिए व्यक्तिगत और राजनीतिक रूप से बड़ी सफलता मानी जा रही है।
सिल्लोड विधानसभा क्षेत्र में इस बार के चुनाव को महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया बदलावों के बाद का पहला बड़ा परीक्षण माना जा रहा था। अब्दुल सत्तार की इस जीत ने यह संकेत दिया है कि, बदलते समीकरणों के बावजूद, उनका जनाधार मजबूत बना हुआ है।
2024 के सिल्लोड विधानसभा चुनाव में शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवार अब्दुल सत्तार ने 1,36,951 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। उन्होंने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उम्मीदवार सुरेश पांडुरंग बनकर को महज 2,949 वोटों के अंतर से हराया।
महत्वपूर्ण आंकड़े:
उम्मीदवार का नाम | वोट | पार्टी | स्थिति |
---|---|---|---|
अब्दुल सत्तार | 1,36,951 | शिवसेना (शिंदे गुट) | विजयी |
सुरेश पांडुरंग बनकर | 1,34,002 | शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) | पराजित |
पठान बनेखान नूरखान | 1,969 | वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) | पराजित |
संजय चितमन सोनवने | 1,125 | बसपा | पराजित |
मुख्य बिंदु:
- अब्दुल सत्तार की जीत:
अब्दुल सत्तार ने लगातार चौथी बार सिल्लोड में जीत हासिल कर अपनी पकड़ मजबूत की है। - कड़ी टक्कर:
सत्तार और बनकर के बीच मुकाबला बेहद कड़ा रहा। आखिरी दौर तक दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। - अन्य उम्मीदवारों का प्रदर्शन:
वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के पठान बनेखान नूरखान को 1,969 वोट मिले, जबकि बसपा और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों को खास सफलता नहीं मिली।
राजनीतिक महत्व:
सिल्लोड विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। शिवसेना (शिंदे गुट) की इस जीत से गुट को बड़ा सहारा मिला है और अब्दुल सत्तार की लोकप्रियता एक बार फिर साबित हो गई है।
चुनाव परिणाम का प्रभाव:
सिल्लोड का यह नतीजा महाराष्ट्र की राजनीति, खासकर शिवसेना के दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकता है।