महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन? सस्पेंस बरकरार, लेकिन अजीत पवार ने की फडणवीस की राह आसान
महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा सस्पेंस बना हुआ है। महायुति के बीच सीएम पद की दौड़ में दो प्रमुख चेहरे—देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे—मुकाबला कर रहे हैं। लेकिन हालिया घटनाक्रम में अजित पवार गुट की एनसीपी ने देवेंद्र फडणवीस के पक्ष में आकर राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं।
अजित पवार का समर्थन फडणवीस के पक्ष में
रविवार को हुई महायुति की बैठक में अजित पवार और उनके गुट के विधायकों ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने की खुलकर पैरवी की। सूत्रों के अनुसार, अजित पवार खुद फडणवीस को सीएम देखना चाहते हैं और शिंदे के पक्ष में नहीं हैं। अजित पवार गुट के समर्थन के बाद फडणवीस का दावा मजबूत हो गया है।
भाजपा ने इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर 132 सीटें जीती हैं, जबकि अजित पवार गुट की एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। दोनों पार्टियों की संयुक्त सीटें बहुमत के आंकड़े (145) से काफी अधिक हैं। इससे साफ है कि शिंदे गुट का समर्थन खिसक भी जाए, तो भी देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
एकनाथ शिंदे का तर्क और दलील
मुख्यमंत्री पद को लेकर एकनाथ शिंदे और उनके गुट में अलग ही राय है। शिंदे कैंप के विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे का चेहरा आगे रहना चाहिए, क्योंकि उनकी लाडकी बहन योजना ने महायुति को चुनावों में फायदा पहुंचाया। शिंदे गुट को लगता है कि बीएमसी चुनाव और अन्य म्युनिसिपल चुनावों में शिंदे का चेहरा ज्यादा प्रभावी रहेगा।
भाजपा की स्थिति और शिंदे का दबाव
दूसरी ओर, भाजपा ने साफ संकेत दिए हैं कि पार्टी की सबसे ज्यादा सीटें हैं और ऐसे में मुख्यमंत्री पद भाजपा के पास रहना चाहिए। देवेंद्र फडणवीस को इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार माना जा रहा है। शिंदे गुट के लिए यह स्थिति असहज हो सकती है, लेकिन महायुति के समीकरण को देखते हुए उनके पास झुकने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिख रहा।
अहम बैठक से सस्पेंस होगा खत्म
आज, सोमवार को देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, और अजित पवार दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद को लेकर आखिरी फैसला हो सकता है। हालांकि, मौजूदा समीकरणों के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना सबसे अधिक है।
क्या हो सकते हैं परिणाम?
- अगर अजित पवार और भाजपा का गठबंधन स्थिर रहा, तो फडणवीस का सीएम बनना तय है।
- शिंदे गुट का समर्थन खिसकने पर भी भाजपा और एनसीपी मिलकर सरकार बना सकते हैं।
- शिंदे गुट के दबाव के बावजूद भाजपा के कदम पीछे हटने की संभावना कम है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक सस्पेंस अपने चरम पर है। महायुति की इस खींचतान में अजित पवार की भूमिका निर्णायक हो गई है। अगर आज की बैठक में फडणवीस को सीएम बनाने पर सहमति बन जाती है, तो महाराष्ट्र की राजनीति का एक नया अध्याय शुरू होगा।