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अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा: कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के योग्य माना, प्रतिवादियों को नोटिस जारी

अजमेर में स्थित विश्वविख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह परिसर में संकट मोचन महादेव मंदिर होने के दावे पर अदालत ने याचिका को सुनवाई के योग्य मानते हुए नोटिस जारी किए हैं। इस मामले में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने याचिका दायर कर दरगाह की जमीन पर पुरातात्विक सर्वेक्षण और पूजा की अनुमति मांगी थी।

याचिका का आधार

याचिका में दावा किया गया है कि दरगाह की जमीन पर पहले भगवान शिव का मंदिर था, जहां पूजा और जलाभिषेक होता था। याचिका में 1911 में हरविलास शारदा द्वारा लिखी पुस्तक का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया कि दरगाह के बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे का उपयोग किया गया था। याचिका में यह भी दावा किया गया कि परिसर में एक तहखाना या गर्भगृह है, जहां पहले शिवलिंग स्थापित था और ब्राह्मण परिवार पूजा करते थे।

अदालती प्रक्रिया और निर्णय

शिव मंदिर होने के दावे पर यह मामला अजमेर कोर्ट में चल रहा था, जिसमें कोर्ट ने अब प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उनकी बात सुनने का आदेश दिया है।

  • वादी पक्ष के दावे:
    • 38 पेज की याचिका में 38 बिंदुओं पर विस्तृत दावे किए गए हैं।
    • वादी ने पुरातात्विक सर्वेक्षण कर दरगाह के इतिहास की जांच की मांग की है।
    • वादी ने 1991 पूजा स्थल एक्ट को इस मामले पर लागू नहीं माना, क्योंकि उन्होंने दावा किया कि दरगाह परिसर में पहले कभी किसी को पूजा के लिए प्रवेश नहीं दिया गया।

अगली सुनवाई की तैयारी

अदालत ने दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मामलात विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस जारी कर उनका पक्ष जानने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अगली सुनवाई की तारीख तय की गई है।

अहम दावे और संभावित सर्वे

मामले की सुनवाई के दौरान पुरातत्व विभाग को सर्वेक्षण कर दरगाह के इतिहास और संरचना की जांच करने का निर्देश दिया जा सकता है।

वादी का पक्ष

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि यह मामला ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का है। उनका दावा है कि मंदिर के प्रमाण साफ दिखते हैं और इसकी सच्चाई सामने लाने के लिए पुरातात्विक सर्वेक्षण जरूरी है।

यह मामला धार्मिक और कानूनी विवाद के केंद्र में आ गया है, जिसमें दरगाह कमेटी और अन्य पक्षों का जवाब आने के बाद अदालत आगे की कार्रवाई करेगी।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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