संभल हिंसा पर धीरेन्द्र शास्त्री ने डाला आग में तेल: मुसलमान 20% होने पर पथराव कर रहे है 50% होजाएंगे तो बेटियों को घर से उठाएंगे
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के बयान ने नई बहस छेड़ दी है। हिंदू एकता यात्रा के दौरान दिए गए उनके विवादित बयान को कई लोग “आग में तेल डालने” वाला बता रहे हैं। शास्त्री ने हिंदू समाज को जात-पात से ऊपर उठकर एकजुट होने की अपील करते हुए कहा था कि अगर 20% जनसंख्या में पथराव हो रहा है, तो 50% होने पर बेटियों को घर से उठाने जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
आरोप: ‘देश में सांप्रदायिक आग भड़काने की कोशिश’
धीरेन्द्र शास्त्री के बयान को लेकर कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि ऐसे भड़काऊ बयान समाज में तनाव बढ़ाते हैं और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को हवा देते हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “धीरेन्द्र शास्त्री हिंदू एकता के नाम पर देश में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं। संभल जैसे संवेदनशील मामले में शांति और सौहार्द की अपील के बजाय उन्होंने इसे और उकसाने का काम किया है।”
बांग्लादेश के हालात का जिक्र कर डर पैदा करने का आरोप
शास्त्री ने अपने बयान में बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा था कि वहां हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं और भारत में भी हालात वैसे ही हो सकते हैं। आलोचकों का कहना है कि इस तरह के बयान जनता में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा करने के लिए दिए जाते हैं।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में विवाद
विपक्षी दलों ने शास्त्री के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि ऐसे वक्त में जब देश में शांति और सद्भाव की जरूरत है, शास्त्री जैसे लोग समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। एक विपक्षी नेता ने कहा, “संभल की घटना पर धीरेन्द्र शास्त्री का बयान नफरत फैलाने की राजनीति का हिस्सा है।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर भी धीरेन्द्र शास्त्री के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई यूजर्स ने कहा कि धार्मिक नेता होने के नाते उन्हें शांति और भाईचारे का संदेश देना चाहिए था, न कि समाज में तनाव बढ़ाने वाले बयान देना।
क्या कहता है कानून?
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयान कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते हैं। कई संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे भड़काऊ बयानों पर सख्ती से रोक लगाई जाए और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो।
संभल हिंसा पहले ही देश में सांप्रदायिक तनाव का कारण बन चुकी है। ऐसे में धीरेन्द्र शास्त्री जैसे धार्मिक नेताओं के बयान इस आग को और भड़काने का काम कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इन हालात से निपटने के लिए क्या कदम उठाते हैं।