मुसलमानों को मताधिकार से वंचित करने की मांग पर महंत के खिलाफ FIR
बेंगलुरु: विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी के विवादित बयान को लेकर उनके खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। महंत ने कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय को मताधिकार से वंचित करने की बात कही थी।
यह बयान उन्होंने भारतीय किसान संघ द्वारा मंगलवार को आयोजित एक सभा में दिया था। सभा का आयोजन कर्नाटक वक्फ बोर्ड के एक नोटिस के विरोध में किया गया था।
महंत का विवादित बयान
महंत ने किसानों और उनकी जमीन की रक्षा के लिए लोगों से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कथित तौर पर कहा था,
“ऐसा कानून लाया जाना चाहिए जिसमें मुस्लिम समुदाय को मतदान का अधिकार न हो। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई वक्फ बोर्ड न हो। किसी और की जमीन छीनना धर्म नहीं है। किसानों की जमीन उनकी ही रहनी चाहिए।”
विवाद के बाद खेद व्यक्त
महंत ने बुधवार को अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी। उन्होंने कहा,
“मुसलमान भी इस देश के नागरिक हैं और उन्हें अन्य लोगों की तरह मताधिकार प्राप्त है।”
प्राथमिकी दर्ज
पुलिस के अनुसार, एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर उप्परपेट पुलिस थाने में महंत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
विवाद के केंद्र में वक्फ बोर्ड
सभा में महंत ने वक्फ बोर्ड की जमीन के दावों को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने इसे अन्याय करार देते हुए कहा कि किसानों को अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ना चाहिए।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
महंत के बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कई संगठनों ने इस बयान की निंदा करते हुए इसे संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ बताया।
महंत के विवादित बयान और बाद में खेद प्रकट करने के बावजूद मामला गंभीर है। यह देखना होगा कि पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया के तहत इस मामले में क्या निष्कर्ष निकलता है।