उत्तरकाशी में मस्जिदों के विरोध में महापंचायत: कांग्रेस का भाजपा सरकार पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप
उत्तराखंड की कांग्रेस इकाई ने राज्य सरकार पर उच्च न्यायालय के आदेश और अपने ही हलफनामे का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने उत्तरकाशी में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश के तहत हिंदूवादी संगठनों को महापंचायत आयोजित करने की खुली छूट दी।
महापंचायत पर उठा विवाद
रविवार को उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में हिंदूवादी संगठन देवभूमि विचार मंच द्वारा महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें तेलंगाना के भाजपा विधायक टी. राजा और अन्य नेताओं ने विवादित भाषण दिए। महापंचायत का मुख्य मुद्दा दशकों पुरानी मस्जिद को अवैध बताना और उसे हटाने की मांग करना था।
कांग्रेस का आरोप है कि यह आयोजन न केवल उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है, बल्कि सरकार के अदालत में दिए गए हलफनामे के भी खिलाफ है। सरकार ने अदालत को भरोसा दिया था कि ऐसी किसी महापंचायत की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बावजूद, जिला प्रशासन ने 15 शर्तों के साथ आयोजन की इजाजत दी।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा:
- “उत्तरकाशी की शांत वादियों को सांप्रदायिक तनाव में झोंकने की कोशिश की जा रही है।”
- दशकों पुरानी मस्जिद को मुद्दा बनाकर प्रदेश के सामाजिक सौहार्द्र को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है।
- महापंचायत में भाजपा विधायकों और नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया।
धस्माना ने जनता से इस साजिश के खिलाफ सावधान रहने और शांति बनाए रखने की अपील की। साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार माहौल बिगाड़ने वाले तत्वों पर कार्रवाई नहीं करती तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी।
उच्च न्यायालय की सख्ती
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हाल ही में उत्तरकाशी में शांति व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया था। याचिका में मस्जिद विवाद और महापंचायत को लेकर चिंता जताई गई थी। सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि महापंचायत की अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन इसके बावजूद आयोजन हुआ, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सरकार की स्थिति पर सवाल
महापंचायत की अनुमति देने के बाद राज्य सरकार की मंशा पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।
- क्या प्रशासन ने जानबूझकर महापंचायत की अनुमति दी?
- क्या यह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है?
- दशकों पुरानी मस्जिद का मुद्दा अचानक क्यों उठाया गया?
कांग्रेस की मांग
- महापंचायत में दिए गए भड़काऊ भाषणों की जांच की जाए।
- सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई हो।
- सरकार अदालत के आदेशों का पालन सुनिश्चित करे।
भविष्य की स्थिति
उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद और महापंचायत पर बढ़ता विवाद सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है। विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं, सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखना प्रशासन के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए।
उत्तरकाशी की महापंचायत ने राज्य की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश करार दिया है, जबकि सरकार का पक्ष अभी साफ नहीं है। इस घटनाक्रम का असर प्रदेश के सामाजिक और राजनीतिक माहौल पर पड़ना तय है।