झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार, हफीजुल हसन अंसारी चौथी बार बने मंत्री
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अपना मंत्रिमंडल विस्तार किया, जिसमें 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इस कैबिनेट में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के 6, कांग्रेस के 4 और आरजेडी के 1 मंत्री शामिल हैं। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने सभी विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
हफीजुल हसन अंसारी सबसे चर्चित चेहरा
मधुपुर से विधायक हफीजुल हसन अंसारी, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हैं, चौथी बार मंत्री बने हैं। उन्होंने उर्दू में शपथ ली और अपने संबोधन में कहा, “मैं अल्लाह के नाम से हल्फ लेता हूं कि मैं सच्चाई और ईमानदारी से काम करूंगा।” अंसारी का शपथ ग्रहण चर्चा का विषय बन गया, खासकर उनकी सफेद टोपी और उनकी लगातार चौथी बार मंत्री बनने की वजह से।
हफीजुल हसन अंसारी को झारखंड की राजनीति में एक प्रमुख अल्पसंख्यक नेता माना जाता है। 2021 में अपने पिता हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उपचुनाव जीतकर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। राजनीति में आने से पहले वह सरकारी नौकरी में थे और बीआईटी सिंदरी से बीटेक की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं।
कैबिनेट विस्तार की मुख्य विशेषताएं
- अल्पसंख्यक समुदाय को मिला प्रतिनिधित्व: इस बार सोरेन कैबिनेट में अल्पसंख्यक समुदाय से दो मंत्रियों को शामिल किया गया है।
- विभागीय अनुभव: अंसारी पहले भी अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद और युवा कार्य विभाग संभाल चुके हैं।
- विवादों से नाता: हफीजुल हसन अंसारी अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। एक बयान में उन्होंने कहा था, “अगर 20 प्रतिशत आबादी को परेशान किया गया तो 80 प्रतिशत आबादी खत्म हो जाएगी,” जो काफी विवादास्पद रहा।
हेमंत सोरेन की करीबी माने जाते हैं अंसारी
हेमंत सोरेन की सरकार पर कथित जमीन घोटाले के मामले में ईडी की कार्रवाई के बाद भी हफीजुल हसन को मंत्री बनाया गया। यह सोरेन और अंसारी की राजनीतिक नजदीकी को दर्शाता है।
कैबिनेट विस्तार का राजनीतिक संदेश
इस मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से हेमंत सोरेन ने सभी प्रमुख समुदायों और दलों को संतुलित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया है। हालांकि, इस विस्तार के साथ झारखंड की राजनीति में हफीजुल हसन अंसारी एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में आ गए हैं।