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संविधान में दर्ज नहीं, फिर भी राज्यों में बढ़ रहा डिप्टी CM का चलन

डिप्टी सीएम का बढ़ता चलन
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री बनने के साथ ही देश में उपमुख्यमंत्रियों की संख्या 26 तक पहुंच गई है। पहली बार 16 राज्यों में डिप्टी सीएम मौजूद हैं, जिनमें से 9 राज्यों में 2-2 डिप्टी सीएम हैं। यह स्थिति तब है जब भारतीय संविधान में उपमुख्यमंत्री पद का कोई उल्लेख नहीं है।

डिप्टी सीएम क्यों बनाए जाते हैं?

  1. जातीय समीकरण साधने के लिए:
    • जाति आधारित राजनीति के कारण हर राज्य में विभिन्न प्रभावशाली जातियों को संतुलित करने के लिए डिप्टी सीएम बनाए जाते हैं।
    • उदाहरण: राजस्थान में दलित, जाट, और ठाकुरों को साधने के लिए 3 डिप्टी सीएम बनाए गए।
  2. गठबंधन संतुलन:
    • गठबंधन सरकारों में सभी दलों को संतुष्ट करने के लिए डिप्टी सीएम बनाए जाते हैं।
    • उदाहरण: महाराष्ट्र में 3 दलों की सरकार में शिवसेना, बीजेपी, और एनसीपी से डिप्टी सीएम हैं।
  3. चेक एंड बैलेंस नीति:
    • सत्ता के भीतर किसी नेता को नियंत्रित करने और संतुलन बनाए रखने के लिए यह पद दिया जाता है।
    • उदाहरण: यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार में केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया गया।

डिप्टी सीएम का कानूनी दर्जा

संविधान के अनुच्छेद 164 में डिप्टी सीएम का उल्लेख नहीं है। ये मंत्री के रूप में शपथ लेते हैं और उनकी सैलरी व सुविधाएं कैबिनेट मंत्री के बराबर होती हैं।

इतिहास और परंपरा

  • भारत के पहले डिप्टी सीएम अनुग्रह नारायण सिंह थे, जिन्होंने 1952 में बिहार में यह पद संभाला।
  • 1990 के दशक से इस पद का चलन तेजी से बढ़ा।
  • बिहार के सुशील मोदी ने सबसे लंबे समय तक (10 साल) डिप्टी सीएम के रूप में कार्य किया।

डिप्टी सीएम बनाने का राजनीतिक महत्व

डिप्टी सीएम पद का इस्तेमाल अक्सर राजनीतिक संदेश देने, गठबंधन की मजबूती दिखाने और सत्ता के भीतर संतुलन बनाए रखने के लिए किया जाता है।

चुनौती और आलोचना

इस परंपरा की आलोचना भी होती है कि बिना संवैधानिक दर्जे के यह पद केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल होता है। इसके बावजूद, वर्तमान राजनीतिक माहौल में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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