महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी बीजेपी की बी–टीम के रूप में काम कर रही हैं – आदित्य ठाकरे
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) ने शनिवार को विपक्षी महाविकास आघाड़ी (MVA) से अलग होने की घोषणा कर दी। सपा विधायक अबू आजमी ने गठबंधन से अलग होने का कारण शिवसेना (यूबीटी) के हिंदुत्व एजेंडे और बाबरी मस्जिद विध्वंस की तारीफ को बताया।
क्या है विवाद?
मामला तब भड़का जब उद्धव ठाकरे गुट के एक नेता ने बाबरी मस्जिद विध्वंस की तारीफ करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसके अलावा, शिवसेना (यूबीटी) के नेता मिलिंद नार्वेकर ने भी इसी कृत्य की प्रशंसा की। इस पोस्ट के बाद सपा विधायक अबू आजमी ने कड़ा विरोध जताया।
शनिवार को विधान भवन के बाहर अबू आजमी ने कहा:
“शिवसेना (यूबीटी) अब हिंदुत्व एजेंडे को बढ़ावा दे रही है। हम ऐसे गठबंधन का हिस्सा नहीं बन सकते जो हमारे सिद्धांतों के खिलाफ हो।”
आदित्य ठाकरे का जवाब
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने सपा के आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा:
“महाराष्ट्र में सपा के कुछ नेता बीजेपी की बी-टीम के रूप में काम करते हैं। हमने कभी अपने हिंदुत्व के सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। हमारा हिंदुत्व हृदय में राम और हाथ को काम देने वाला है। बाबरी मस्जिद पर हमारा रुख हमेशा स्पष्ट रहा है।”
आदित्य ठाकरे ने सपा के रवैये पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि “अखिलेश यादव हमारे साथ विपक्ष की लड़ाई में हैं, लेकिन महाराष्ट्र में उनके नेता बीजेपी का समर्थन करते दिखते हैं।”
सपा की नाराजगी और आगे की रणनीति
महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी के केवल दो विधायक हैं, लेकिन बाबरी मस्जिद पर शिवसेना (यूबीटी) के बयान और विज्ञापन के बाद पार्टी ने गठबंधन से अलग होने का फैसला लिया। अबू आजमी ने कहा:
“हमने शिवसेना (यूबीटी) को लगातार चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी हरकतें रुकने का नाम नहीं ले रही थीं। इसलिए, हमें गठबंधन छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा।”
महाविकास आघाड़ी पर असर
महाविकास आघाड़ी, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार गुट), और कांग्रेस शामिल हैं, को सपा के इस कदम से झटका लगा है। हालांकि, सपा के पास केवल दो विधायक हैं, लेकिन इस घटनाक्रम ने विपक्षी गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बाबरी मस्जिद विवाद फिर सुर्खियों में
बाबरी मस्जिद विवाद के मुद्दे पर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के बयान और बाबरी विध्वंस की प्रशंसा ने न केवल सपा को नाराज किया, बल्कि अन्य विपक्षी दलों में भी असंतोष पैदा कर दिया है।
आगे की राह
सपा ने गठबंधन से अलग होकर अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखने का निर्णय लिया है। अब देखना होगा कि यह फैसला महाराष्ट्र की राजनीति और महाविकास आघाड़ी पर क्या असर डालता है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर विपक्ष में मतभेद और बढ़ सकते हैं।