‘हिंदुत्व एक बीमारी, जिसने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया’ –इल्तिजा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए हिंदुत्व पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई और इसे एक गंभीर बीमारी के रूप में बताया। इल्तिजा का कहना है कि हिंदुत्व की विचारधारा ने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया है और इसके कारण भगवान राम का नाम कलंकित हुआ है।
इल्तिजा मुफ्ती ने वीडियो में कहा कि भगवान राम भी यह देखकर बेबसी और शर्म से सिर झुका देंगे कि उनके नाम का इस्तेमाल नाबालिग मुस्लिम बच्चों के खिलाफ हिंसा करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन बच्चों को सिर्फ इसलिए चप्पलों से मारा जा रहा है क्योंकि उन्होंने राम का नाम लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि हिंदुत्व की विचारधारा ने भारतीय समाज को बुरी तरह से प्रभावित किया है और इसे अब एक बीमारी के रूप में देखा जाना चाहिए, जो लोगों के दिलों में नफरत और असहिष्णुता फैला रही है।
इल्तिजा मुफ्ती की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश में धार्मिक उन्माद और सांप्रदायिक तनाव बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अपने आक्रोश को व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कृत्य भगवान राम के संदेश और उनके आदर्शों से पूरी तरह विपरीत हैं। उनका कहना था कि यदि राम के नाम का इस तरह दुरुपयोग होता है, तो यह भगवान के लिए अपमानजनक होगा।
मुफ्ती ने यह भी कहा कि यह घटना सिर्फ एक उदाहरण है, बल्कि हिंदुत्व का विचार पूरे समाज में फैल चुका है और यह समाज में विभाजन पैदा करने का काम कर रहा है। उनका आरोप था कि इस विचारधारा के कारण भारतीय समाज में धर्म, जाति और समुदायों के बीच की दीवारें और भी मजबूत हो गई हैं, जिससे समाज में असहमति और हिंसा बढ़ रही है।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोग इल्तिजा मुफ्ती के बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य ने उन्हें आलोचना भी की है। कई लोगों का कहना है कि यह बयान देश की सामाजिक सद्भावना को तोड़ने के लिए दिया गया है, जबकि दूसरे इसे धार्मिक नफरत और असहिष्णुता के खिलाफ एक सशक्त बयान मानते हैं।
यहां तक कि इल्तिजा मुफ्ती के परिवार के राजनीतिक हलकों में भी यह बयान चर्चा का विषय बन गया है। महबूबा मुफ्ती की पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), हमेशा से जम्मू-कश्मीर में धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव की पक्षधर रही है, और पार्टी के नेताओं ने भी इस बयान पर विचार व्यक्त किए हैं।
इससे पहले भी महबूबा मुफ्ती और उनके समर्थकों ने भारत में बढ़ते हिंदुत्व के प्रभाव को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं और कई बार इस पर सार्वजनिक मंचों पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है।