EVM विरोध का प्रतीक बना मरकाडवाड़ी, शरद पवार ने उठाई बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग
महाराष्ट्र में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है, और अब सोलापुर जिले का मरकाडवाड़ी गांव इस आंदोलन का केंद्र बन गया है। रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने मरकाडवाड़ी गांव में ईवीएम विरोधी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “जब अमेरिका, इंग्लैंड और अन्य देशों में बैलेट पेपर से चुनाव हो सकते हैं, तो भारत में क्यों नहीं?”
ग्रामीणों का विरोध और मांग
मरकाडवाड़ी गांव के लोगों ने ईवीएम पर शंका जताते हुए बैलेट पेपर से फिर से मतदान कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने दावा किया कि मालशिरस विधानसभा सीट के नतीजे उनके मतदान के अनुमान से मेल नहीं खाते। उनका कहना है कि एनसीपी उम्मीदवार उत्तम जानकर को गांव में भारी बढ़त मिलनी चाहिए थी, लेकिन ईवीएम में दर्ज नतीजों में भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते को भी लगभग बराबर वोट मिले।
शरद पवार ने उठाए सवाल
मरकाडवाड़ी में आयोजित कार्यक्रम में शरद पवार ने कहा,
“चुनाव में हार-जीत सामान्य बात है, लेकिन हालिया चुनाव प्रक्रिया और परिणामों पर जनता को भरोसा नहीं हो रहा। अगर दुनियाभर में बैलेट पेपर से चुनाव हो रहे हैं, तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?”
उन्होंने ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी शिकायत चुनाव आयोग तक पहुंचाई जाएगी।
जितेंद्र अव्हाड़ का बयान
एनसीपी नेता जितेंद्र अव्हाड़ ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा,
“अगर ग्रामीण अपने खर्चे पर कुछ करना चाहते हैं, तो इसमें हस्तक्षेप क्यों किया जा रहा है? लोगों को गिरफ्तार करने की जरूरत क्यों है? आप इतना डरे हुए क्यों हैं?”
मरकाडवाड़ी क्यों है चर्चा में?
मरकाडवाड़ी के ग्रामीण 3 दिसंबर को बैलेट पेपर से पुनर्मतदान कराने की तैयारी में थे, लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते यह नहीं हो पाया। गांव वालों ने कहा कि प्रशासन ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की।
मुंबई में बैठक, विपक्ष की रणनीति
ईवीएम के खिलाफ आंदोलन को लेकर रविवार को मुंबई में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की बैठक हुई, जिसमें आदित्य ठाकरे, जितेंद्र अव्हाड़ और नाना पटोले जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक में तय किया गया कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर विपक्ष अपना विरोध तेज करेगा और चुनाव आयोग पर बैलेट पेपर से मतदान कराने का दबाव डालेगा।
क्या कहता है चुनाव आयोग?
विपक्ष के दावों पर चुनाव आयोग का कहना है कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित और विश्वसनीय हैं। हालांकि, विपक्ष का तर्क है कि जनता की शंकाओं को दूर करने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए बैलेट पेपर को फिर से लाया जाना चाहिए।
नतीजे क्या होंगे?
मरकाडवाड़ी का यह विरोध महाराष्ट्र में ईवीएम के खिलाफ एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग और केंद्र सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।