इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज का बयान: देश बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार चलेगा
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर यादव ने रविवार को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार काम करेगा।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “यह हिंदुस्तान है और यह देश बहुसंख्यकों की भलाई और खुशी को ध्यान में रखकर चलेगा। यह कानून का भी सिद्धांत है।” यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल किसी संगठन की मांग नहीं है, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय भी इसे लागू करने की बात करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही देश में एक समान नागरिक संहिता लागू होगी।
जज शेखर यादव ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की प्रशंसा करते हुए कहा, “गाय, गीता और गंगा हमारी संस्कृति का प्रतीक हैं। जो इस भूमि को अपनी मां मानता है और देश के लिए बलिदान को तैयार है, वह हिंदू है, चाहे वह किसी भी धार्मिक प्रथा या विश्वास को मानता हो।”
महिला अधिकारों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसे प्रथाओं को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “हमारे शास्त्रों और वेदों में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है। महिलाओं का अपमान किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा।”
इस कार्यक्रम में जस्टिस यादव के विचारों को वीएचपी और उपस्थित श्रोताओं ने सराहा। उनका यह बयान देश में यूसीसी और धार्मिक मुद्दों पर चल रही बहस के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है।