EVM पर शरद पवार के आरोपों के बाद सियासी घमासान, सत्तापक्ष का पलटवार
महाराष्ट्र: हालिया चुनावों में महायुति गठबंधन की सफलता के बाद राज्य में ईवीएम पर छिड़ी बहस ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। राकांपा (पवार) प्रमुख शरद पवार ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया पर जनता का भरोसा नहीं रह गया है। उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों का उदाहरण देते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की।
पवार ने आरोप लगाया कि हाल के महाराष्ट्र चुनाव ने जनता के मन में संदेह पैदा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मरकड़वाड़ी गांव में मॉक बैलेट पेपर पोलिंग का प्रयास पुलिस ने रोक दिया, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने जैसा है।
शिंदे और भाजपा का पलटवार
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “लोग उन लोगों को वोट नहीं देते, जो घर पर बैठे रहते हैं। जनता मेहनत और काम करने वालों को चुनती है। जब आप चुनाव जीतते हैं, तब ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते, लेकिन हारते ही ईवीएम को दोषी ठहराते हैं।”
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पवार की आलोचना करते हुए कहा कि हार को स्वीकार करना सीखें। उन्होंने कहा कि जनता ने झूठे वादों और आरोपों को नकारते हुए महायुति को पूर्ण समर्थन दिया है।
विपक्षी गठबंधन में मतभेद
शिवसेना नेता मनीषा कयानदे ने ममता बनर्जी की विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए का नेतृत्व करने की इच्छा पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी डूबते जहाज की कप्तान बनना चाहती हैं। उन्हें हमारी शुभकामनाएं।” साथ ही, उन्होंने विपक्षी गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर खींचतान पर भी सवाल उठाए।
राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी
ईवीएम की पारदर्शिता और बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर राज्य की सियासत गर्म हो गई है। जहां विपक्ष ईवीएम को दोषी ठहरा रहा है, वहीं सत्तापक्ष इसे हार स्वीकारने में विपक्ष की विफलता करार दे रहा है। आने वाले समय में यह बहस और तेज हो सकती है।