नाना पटोले का महायुति पर हमला: चुनावी वादों से पलटी सरकार
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने महायुति गठबंधन पर तीखा हमला करते हुए चुनावी वादों से मुकरने का आरोप लगाया। पटोले ने कहा कि महायुति ने चुनाव के दौरान लाड़ली बहन’ का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद प्राथमिकताएं बदल गई हैं और अब लाड़ले भाऊ’ को महत्व दिया जा रहा है।
अजित पवार पर सीधा निशाना
विधानसभा में सोमवार को पटोले ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने हाल ही में पवार को मिली 1,000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के मामले में क्लीन चिट पर सवाल उठाए। पटोले ने इसे सरकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बताया और कहा कि चुनावी वादों को भुलाकर सरकार केवल अपने नेताओं को बचाने में लगी है।
चुनावी नतीजों और ईवीएम पर सवाल
पटोले ने साकोली निर्वाचन क्षेत्र में अपनी 208 वोटों की मामूली जीत का जिक्र करते हुए ईवीएम की अखंडता पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि चुनावी परिणामों पर सवाल उठाना लोकतंत्र के दायरे में आता है और मतदाताओं के अधिकारों का हिस्सा है।
विधानमंडल की परंपराओं पर जोर
पटोले ने महाराष्ट्र विधानमंडल की परंपराओं का पालन करने की अपील की। उन्होंने विपक्ष के नेता और उपाध्यक्ष के पदों के आवंटन का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अतीत में बहुमत के बावजूद विपक्ष को ये पद देकर लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की और उम्मीद जताई कि 16 दिसंबर से शुरू हो रहे नागपुर सत्र में सकारात्मक समाधान मिलेगा।
महायुति के रुख पर सवाल
पटोले ने महायुति की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करते हुए इसे जनता के भरोसे का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को चुनावी वादों और पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए, न कि केवल अपने नेताओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
पटोले के इन बयानों से महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है, जिससे आने वाले दिनों में सियासी टकराव और बढ़ने की संभावना है।