2024 के चुनावों में बढ़ी उम्मीदवारों की संख्या, खान एजाज़ अहमद की संकल्पना को मिले समर्थन
खान एजाज़ अहमद, जिनकी चुनावी संकल्पना एक नए दृष्टिकोण को जन्म दे रही है, आगामी लोकसभा 2029 के चुनाव को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या उनकी संकल्पना के अनुरूप बदलाव का संकेत देती है, जो समाज के विभिन्न वर्गों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करती है। उनका मानना है कि चुनावों को पारंपरिक तामझाम और खर्च से मुक्त किया जाना चाहिए, और चुनाव जीतने के बाद पराजित उम्मीदवारों को उप सांसद या विधायक का दर्जा दिया जाना चाहिए, ताकि वे एक साथ मिलकर विकास कार्यों में योगदान कर सकें।
खान एजाज़ का यह भी कहना है कि जितने अधिक उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे, उतने अधिक समाजसेवक समाज में उभरेंगे, जो देश और राज्य के विकास में मदद करेंगे। उनका मानना है कि प्रत्येक समाज और वर्ग के लोग चुनावी प्रक्रिया में भाग लेकर लोकतंत्र को सशक्त बना सकते हैं, और यह देशहित में आवश्यक है।
2024 के चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या में स्पष्ट वृद्धि देखी गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में 1,892 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा, जो 2019 के 1,279 उम्मीदवारों से 25% अधिक है। यह वृद्धि इस बात का संकेत है कि चुनावी मैदान में अधिक दल और स्वतंत्र उम्मीदवार उतरे हैं। खान एजाज़ अहमद का मानना है कि यह वृद्धि उनकी संकल्पना की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
इसके अलावा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भी उम्मीदवारों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। 2019 में जहां 3,128 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 4,136 हो गई है, जो 32% की वृद्धि दर्शाती है। यह वृद्धि न केवल राजनीतिक दलों के बढ़ते प्रभाव का परिणाम है, बल्कि स्वतंत्र उम्मीदवारों और नए दलों के सक्रिय भागीदारी को भी दर्शाती है।
खान एजाज़ अहमद का यह दृष्टिकोण देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने का प्रयास है, और यह उनके विचार से चुनावी राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, जो समाज के हर वर्ग को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है।