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दुर्गाडी किले पर कोर्ट का निर्णय: मंदिर की मान्यता, मस्जिद का दावा खारिज

कल्याण सेशन कोर्ट ने ठाणे जिले में स्थित ऐतिहासिक दुर्गाडी किले को मंदिर घोषित करते हुए 48 साल पुराने विवाद का अंत कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह किला सरकारी संपत्ति बना रहेगा। यह फैसला हिंदू संगठनों के पक्ष में आया, जो इसे दुर्गा देवी का मंदिर बताते थे।


फैसले की प्रमुख बातें

  1. मंदिर का दावा स्वीकार:
    कोर्ट ने याचिकाकर्ता दिनेश देशमुख और हिंदू संगठनों के तर्कों को स्वीकार किया।
    • याचिकाकर्ता ने मंदिर की संरचना, जैसे खिड़कियां और मूर्तियों के चबूतरे का उल्लेख किया।
    • कोर्ट ने इन तर्कों को प्रमाण मानते हुए इसे मंदिर घोषित किया।
  2. वक्फ बोर्ड का दावा खारिज:
    मुस्लिम समुदाय ने इसे मस्जिद और वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताते हुए दावा किया था।
    • वक्फ बोर्ड ने मांग की थी कि मामला उनके अधिकार क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए।
    • कोर्ट ने यह दावा खारिज करते हुए इसे सरकारी संपत्ति बताया।
  3. पुराना इतिहास:
    • 1971 में ठाणे कलेक्टर ने इसे मंदिर घोषित किया था।
    • 1976 में मुस्लिम समुदाय ने इसे मस्जिद बताते हुए अदालत में याचिका दाखिल की।
    • 1994 में किले की मरम्मत की अनुमति दी गई थी, लेकिन संरक्षित वास्तुकला पर विवाद जारी रहा।

इतिहास और संघर्ष

  1. हिंदू संगठनों का आंदोलन:
    • बाला साहेब ठाकरे और आनंद दिघे ने 1976 में “घंटानाद आंदोलन” चलाया।
    • इस फैसले के बाद हिंदू संगठनों ने आरती कर जश्न मनाया।
  2. मुस्लिम समुदाय का दावा:
    मुस्लिम पक्ष ने इसे मस्जिद बताते हुए कहा कि यह प्रार्थना स्थल है।

सुरक्षा के इंतजाम

फैसले के बाद पूरे कल्याण में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

  • डीसीपी अतुल झेंडे: उन्होंने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस तैनात है।
  • सरकारी अपील: नागरिकों से अफवाहों पर विश्वास न करने और शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

सरकार की प्राथमिकता

सरकारी वकील सचिन कुलकर्णी ने कहा कि किले के जीर्ण-शीर्ण हिस्सों की मरम्मत प्राथमिकता है।

  • किले के कुछ हिस्से ढहने के कगार पर हैं।
  • प्राचीन वास्तुकला को संरक्षित करने की योजना बनाई जा रही है।

फैसले का महत्व

यह निर्णय 48 साल पुराने विवाद का अंत करता है।

  • यह धार्मिक भावनाओं और ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • इससे संबंधित पक्षों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की उम्मीद की जा रही है।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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